President Rule in Maharashtra: महाराष्ट्र में कोई भी पार्टी सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा पेश नहीं कर पायी है। जिसके बाद राज्यपाल की सिफारिश पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अब राज्य में राज्यपाल की भूमिका और भी अहम हो गई है। बता दें कि महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी हैं, जो कि भाजपा के पूर्व नेता रहे हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी उनका जुड़ाव रहा है।
कौन हैं भगत सिंह कोश्यारी?: भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून, 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में पालनाधुरा चेताबगढ़ इलाके में हुआ। अपने छात्र जीवन से ही कोश्यारी राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं। भगत सिंह कोश्यारी ने साल 1964 में अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी से इंग्लिश में मास्टर्स की डिग्री ली। इस दौरान वह अपने कॉलेज में छात्रसंघ के महासचिव भी चुने गए। साल 1979-82, 1982-85 और 1988-91 के दौरान भगत सिंह कोश्यारी कुमाऊं यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में भी बतौर प्रतिनिधि शामिल रहे।
कोश्यारी आरएसएस से भी जुड़े रहे हैं और आरएसएस और जनसंघ के अन्य नेताओं की तरह वह भी आपातकाल के दौरान सक्रिय रहे और जेल भी गए। इस दौरान वह दो साल तक जेल में रहे।
राजनैतिक जीवनः मई, 1997 में भगत सिंह कोश्यारी उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य चुने गए। साल 2000 में उत्तर प्रदेश के बंटवारे और नए राज्य उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद वह उत्तराखंड की सरकार में ऊर्जा, सिंचाई, कानून मंत्री भी रहे। नित्यानंद स्वामी के बाद भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के सीएम बने। हालांकि वह सीएम पद पर एक साल के लिए ही रहे और साल 2002 में भाजपा राज्य में विधानसभा चुनाव हार गई। सत्ता से बाहर होने के बाद साल 2007 तक कोश्यारी उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
साल 2007 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी और कोश्यारी कापकोट विधानसभा से चुनाव जीते। हालांकि इस बार भाजपा ने भुवन चंद्र खंडूरी को सीएम बनाया। 2008 में कोश्यारी राज्यसभा के लिए चुने गए। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में खंडूरी ने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से जीत दर्ज की और संसद पहुंचे। इसी साल 5 सितंबर को भगत सिंह कोश्यारी को सरकार ने महाराष्ट्र का राज्यपाल नामित किया।
निजी जीवनः आरएसएस के कई बड़े नेताओं की तरह भगत सिंह कोश्यारी भी अविवाहित हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले कोश्यारी एक अध्यापक, पत्रकार भी रह चुके हैं। वह कुछ साल तक उत्तर प्रदेश के एटा में स्थित राजा इंटर कॉलेज में लेक्चरर भी रह चुके हैं। कोश्यारी ने दो किताबें भी प्रकाशित की है, जिनमें ‘उत्तरांचल प्रदेश क्यूं?’ और ‘उत्तरांचल संघर्ष एवं समाधान’ का नाम शामिल है। इसके अलावा कोश्यारी ने अखबारों में कई लेख भी लिखे हैं।