राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 साल से कम आयु के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले अध्यादेश को रविवार को मंजूरी दे दी। इसके अलावा राष्ट्रपति ने भगोड़े साबित हुए आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के अध्यादेश को भी मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2018 को लागू कर दिया, जिसे कैबिनेट ने शनिवार को मंजूरी दी थी। इसमें दुष्कर्म के खिलाफ सख्त सजा और महिलाओं, खास तौर से युवतियों के बीच सुरक्षा की भावना जगाने की कोशिश की गई है। यह अध्यादेश जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या व देश के अन्य भागों में इसी तरह के अपराध को लेकर नाराजगी के बाद आया है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बाल यौन अपराध निवारण (पोक्सो), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) व साक्ष्य अधिनियम संशोधित हो गया है। इसके फलस्वरूप जांच के लिए दो महीने की समय सीमा, सुनवाई पूरी करने के लिए दो महीने का समय और अपीलों के निपटारे के लिए छह महीने सहित जांच में तेजी व दुष्कर्म की सुनवाई के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसमें 16 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी के लिए अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं होगा।
President #RamNathKovind promulgates the ordinance to amend POCSO act(death sentence to those found guilty of raping a child below 12 years of age) pic.twitter.com/AryWHQy4Mt
— ANI (@ANI) April 22, 2018
इसका उद्देश्य देश भर में यौन अपराधियों के डेटाबेट बनाए रखने के अलावा हर राज्य में विशेष फोरेंसिक प्रयोगशालाओं व त्वरित अदालतों की स्थापना सहित जांच व अभियोजन को भी मजबूत करना है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अध्यादेश, 2018 को भी मंजूरी दे दी। यह अध्यादेश पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले के बाद लाया गया है। इस मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी व उसके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं, जो बैंकों को 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी कर देश से फरार हो गए हैं।
इससे देश छोड़कर भागने वाले बैंकों के बड़े बकाएदारों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा और बकाएदारों को वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।

