नोटबंदी के मुद्दे पर ठप पड़ी संसद को लेकर अब राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी नाराजगी जताई है। संसद के शीतकालीन सत्र में 17 दिन हंगामे की वजह से बर्बाद हो चुके हैं। राष्‍ट्रपति ने संसद के लगातार स्‍थगन पर खेद जताते हुए सांसदों से अपना काम करने को कहा है। डिफेंस एस्‍टेट्स ऑर्गनाइजेशन की बैठक को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा, ”ईश्‍वर के लिए, अपना काम कीजिए। आपका काम संसद में कामकाज चलाना है।” राष्‍ट्रपति ने विपक्ष में अल्‍पसंख्‍यक दलों के व्‍यवहार पर भी चिंता जताई। उन्‍होंने कहा, ”बहुमत कभी भी सदन में हंगामा नहीं करता। सिर्फ अल्‍पसंख्‍यक ही वेल में आते हैं, नारे लगाते हैं, कार्रवाई रोकते हैं और दिक्‍कत पैदा करते हैं। अध्‍यक्ष के पास सदन स्‍थगित करने के सिवा दूसरा कोई रास्‍ता नहीं होता। यह (संसद का स्‍थगन) पूरी तरह अस्‍वीकार्य है।” राष्‍ट्रपति ने कहा कि ‘किसी व्‍यक्ति पर आरोप लगाने की मेरी मंशा नहीं है, लेकिनक यह (संसद में हंगामा) रोज की बात हो चुकी है।’

नोटबंदी का एक महीना पूरा होने पर विपक्ष ने गुरुवार को ‘काला दिवस’ मनाया। विपक्षी दलों के सांसद काली पट्टी बांधकर आए थे और संसद में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐलान के खिलाफ विपक्ष ने दोनों सदनों में हल्‍ला बोल रखा है। रोज शीतकालीन सत्र की कार्रवाई शुरू होती है और हंगामे के चलते स्‍थगित हो जाती है। बुधवार को वरिष्‍ठ भाजपा नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने भी सदन न चलने पर आक्रोश दिखाया था। उन्होंने कहा कि ना संसदीय कार्यमंत्री और और ना ही लोकसभा स्पीकर सदन चला पा रहे हैं।

सदन को स्थगित करने से पहले आडवाणी ने कहा, ”ना ही स्पीकर और ना ही संसदीय कार्यमंत्री सदन चला रहे हैं। मैं स्पीकर के पास यह कहने जा रहा हूं कि वे सदन नहीं चला रही हैं। मैं इसे सार्वजनिक तौर पर कहने जा रहा हूं।” जब सदन को स्थगित किया गया तो आडवाणी ने लोकसभा के एक अधिकारी से पूछा कि सदन कितने बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।

जब आडवाणी को बताया कि दो बजे तक तो उन्होंने कहा, ‘अनिश्चित काल तक क्यों नहीं कर देते?’ इससे पहले भी आडवाणी ने सदन की कार्यवाही को लेकर कुमार से अपनी नाराजगी जाहिर की थी।