Who Is Sudha Murthy: मशहूर बिजनेसमैन और इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य सभा के लिए मनोनीत किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी दी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा “मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है। पीएम ने आगे लिखा कि वह हमारी ‘नारी शक्ति’ का सशक्त प्रमाण हैं, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।

सुधा मूर्ति ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद

राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं खुश हूं और साथ ही मुझे लगता है कि मुझे अधिक जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने (पीएम मोदी) ने मेरे काम की सराहना की, मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे गरीबों के लिए काम करने के लिए एक बड़ा मंच मिलेगा। मुझे नहीं लगता कि मैं खुद को राजनेता मान सकती हूं। मैं एक मनोनीत राज्यसभा सदस्य हूं। मेरे दामाद की अपने देश के लिए राजनीति अलग है और मेरा काम अलग है।

कौन है सुधा मूर्ति

सुधा मूर्ति फेमस सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका हैं। वह भारत की सबसे बड़ी ऑटो निर्माता इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव कंपनी टेल्को में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर भी हैं। बता दें कि सुधामूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। सुधा मूर्ति के दो बच्चे हैं, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति। अक्षता नारायण मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋृषि सुनक की पत्नी हैं। वह भारतीय फैशन डिजाइनर भी हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सुधा मूर्ति के दामाद हैं। रोहन मूर्ति, मूर्ति क्लासिकल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया के साथ ही एक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टार्ट अप सोरोको के संस्थापक हैं।

सुधा मूर्ति का करियर

पुणे में इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद उन्होंने मुंबई और जमशेदपुर में भी काम किया। पति ने जब इंफोसिस फाउंडेशन की स्थापना की तो सुधा मूर्ति ने उन्हें 10000 रुपये उधार दिए और अपनी नौकरी छोड़कर कंपनी शुरू करने में पति नारायण मूर्ति की मदद की। लेकिन वह इस कंपनी में खुद काम नहीं करती थी। इसकी एक वजह यह थी कि उनके पति नारायण मूर्ति चाहते थे कि दोनों में से कोई एक ही इस कंपनी में काम करे। उस समय सुधा ने कंपनी की कमान पति को सौंप दी और घर संभालने की जिम्मेदारी उठाई।