चुनाव का समय और विपक्षी नेताओं पर आयकर, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआइ के छापों की खबरें दिखाई देने लगती हैं। अभी शुक्रवार को तमिलनाडु में द्रमुक नेता स्टालिन की पुत्री के घऱ इन्कम टैक्स का छापा और बंगाल में तृणमूल नेता कुणाल घोष और शताब्दी राय की सम्पत्ति प्रवर्तन निदेशालय ने कुर्क कर ली।

एक रिश्ता-सा दिखता है चुनाव, विपक्ष और छापों के बीच। मानो कोई डिज़ाइन हो, कोई पैटर्न हो! लगता है कि सरकारी एजेंसियों ने विपक्षियों पर छापा मारने का खास हुनर विकसित कर लिया है। विपक्षी आरोप लगाते आए है। सरकारी एजेंसियां नकारती आई हैं कि छापों का राजनीति से कोई रिश्ता है। लेकिन, थोड़ा सा गौर करने पर एक क्रम नज़र आता है इन घटनाओं के बीच। आइए देखते हैः

महाराष्ट्र-

  • सितंबर 2019 में, यानी राज्य में चुनाव से एक महीना पहले प्रवर्तन निदेशालय ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य कोऑपरेटिव बैंक से जुड़े घपले के मामले में मनी लॉन्डरिंग का केस लगा दिया था। यह केस अब भी चल रहा है।
  • अगस्त 2019 में ही प्रवर्तन निदेशालय ने मनसे नेता राज ठाकरे से मनी लॉन्डरिंग के मामले में पूछताछ की। यह केस आइएल एण्ड एफएस द्वारा कोहिनूर सीटीएनएल में 850 करोड़ रुपए निवेश से जुड़ा था। ठाकरे 2009 तक कोहिनूर कम्पनी के पार्टरन थे। इस केस की भी जांच चल रही है।

पश्चिम बंगाल-

  •  फऱवरी 2021 में इनकम टैक्स वालों ने एक कोयला घोटाले की बाबत रुजिरा बनर्जी से पूछताछ की। रुजिरा मुख्यमंत्री ममता बर्जी के भतीजे अभिषेक की पत्नी हैं। फिर अभिषेक के दो रिश्तेदारों अंकुश अरोड़ा व उनके पिता पवन अरोड़ा को भी सम्मन भेज दिया गया।
  •  मार्च में प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी और पूर्व मंत्री मदन मित्रा को चिटफंड से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में तलब कर लिया। ये दोनों व्यक्ति इस वक्त टीएमसी के टिकट पर विधान सभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
  • *इसी मार्च में ही जोरासांको के टीएमसी प्रत्याशी विवेक गुप्ता से शारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में घंटों पूछताछ की गई।

कर्नाटक-

  • 2017 में दो से पांच अगस्त के बीच इनकम टैक्स वालों ने तत्कालीन ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े 70 स्थानों पर छापे मारे। उनके परिवार और सहायकों को भी नहीं बख्शा गया और उनके बेंगलुरू, मैसुरू, दिल्ली और चेन्नई के परिसरों पर छापे मारे गए। इनकम टैक्स की यह कार्रवाई उस समय की गई, जब डी शिवकुमार गुजरात के 42 विधायकों को बेंगलुरू के पास एक रिज़ॉर्ट में ठहराए हुए थे। गुजरात के इन विधायकों को 8 अगस्त के दिन अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के लिए वोट देना था।
  •  2017 की छापेमारी के आधार पर 2019 के विधान सभा चुनाव से पहले 2918 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शिवकुमार के खिलाफ टैक्स चोरी और गलत सबूत देने की शिकायत दर्ज हुई। फिर मनी लॉन्डरिंग के एक केस में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया। इस बीच आईटी जांच के सिलसिले में सीबीआइ ने भी मामला दर्ज कर लिया है।

राजस्थान-

  • पिछले साल जुलाई में जब सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी संकट में थी, इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय वालों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास साथियों राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौर के आवासों और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की। इनमें राजीव आम्रपाली ज्वेल्स के मालिक होने के साथ उस समय राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी थे। राठौर राज्य बीज निगम के अध्यक्ष थे।
  • जुलाई में ही सीबीआइ ने कांग्रेस विधायक पूर्व ओलिम्पियन कृष्णा पुनिया से पुलिस अफसर विष्णु दत्त के कथित स्यूसाइड पर पूछताछ की।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में कथित खाद घोटाले के सिलसिले में सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के परिसरों की तलाशी ली।
मध्य प्रदेश-
  • अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले इनकम टैक्स वालों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के खास सहयोगियों के 52 ठिकानों पर टैक्स चोरी और हवाला कारोबार का आरोप लगाते हुए छापे मारे।
छत्तीसगढ़-
  •  2018 में विधानसभा चुनाव से पहले सीबीआइ ने एक सीडी घोटाले में भूपेश बघेल को नामजद किया था। बाद में जब बघेल मुख्यमंत्री बने तो सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए गए पत्रकार विनोद वर्मा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार बने।

केरल-

  • जुलाई 2020 में एनआइए ने यूएपीए सरीखे कठोर कानून के तहत सोने की तस्करी का एक केस दर्ज किया। सितम्बर में इस सिलसिले में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री एम शिवशंकर से पूछताछ की गई और अक्टूबर में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।
  • इस साल विधान सभा चुनाव के कुछ ही हफ्ते पहे कस्टम विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि सोने की तस्करी के मामले के मुख्य अभियुक्त स्वप्न सुरेश ने कहा है कि यह काम मुख्यमंत्री विजयन के इशारे पर हो रही थी।
  • अगस्त 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने माकपा के राज्य सचिव कोदियरी बालाकृष्णन के पुत्र को मनी लॉन्डरिंग के आरोप में बुक कर दिया गया। बालाकृष्णन ने इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
  • अभी पिछले महीने की ईडी ने केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट फंड बोर्ड के अधिकारियों को तलब कर लिया। इस बोर्ड के चेयरमैन खुद सीएम विजयन हैं।

तमिलनाडु-

  • पिछले साल सितंबर में सीबीआइ ने कुछ बैंक अधिकारियों और एक डीएमके कार्यकर्ता पुंजोलाइ श्रीनिवासन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा कायम कराया। यह मामला 2019 के चुनावों की पूर्व संध्या में वेल्लोर में 11 करोड़ की रकम की बरामदगी पर आधारित था।
  •  सितंबर में ही प्रवर्तन निदेशालय ने डीएमके सांसद एस जगतरक्षकन की 89 करोड़ मूल्य की संपत्तियां जब्त कर लीं। आरोप फॉरेक्स कानूनों के उल्लंघन का था। इसके एक ही महीने डीएमके के एक अन्य एमपी गौतम सिगमनी की 8 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली गई।

आंध्र प्रदेश-

  •  नवंबर 2018 में चुनावों से कुछ महीने पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कथित मनी लॉन्डरिंग के मामले में तेलुगू देशम एमपी वाइएस चौधरी पर छापे मारे और उनकी अनेक लक्ज़री कारें जब्त कर लीं। चुनाव बाद 2019 में चौधरी ने भाजपा ज्वाइन कर ली. उनकी ही तरह तेलुगू देशम सांसद सीएम रमेश ने भी भाजपा ज्वाइन की। उन पर भी चुनाव से पहले आइटी वालों ने छापा मारा था।


जम्मू-कश्मीर-

  • पिछले साल एनआइए ने जिला विकास परिषद के चुनाव से पूर्व 25 नवंबर को पीडीपी के युवा नेता वहीदुर्रहमान पर्रा को आतंक के एक केस में गिरफ्तार कर लिया। पर्रा ने एक दिन पहले ही नामजदगी का पर्चा भरा था। पर्रा जेल में रहते हुए चुनाव जीता। उसे, हालांकि जमानत मिली लेकिन बाद पुलिस ने फिर पकड़ लिया। वह इस वक्त जेल में ही है।
  • पिछले साल नवंबर में डीडीसी चुनाव के अंतिम चरण से एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली। अब्दुल्ला को कुछ ही पहले कश्मीर में संघर्ष के लिए बने गुपकर समूह का हेड नियुक्त किया गया था।