Prayagraj Shivalaya Park: महाकुंभ 2025 की भव्यता और आध्यात्मिकता को एक नई ऊंचाई देने के उद्देश्य से प्रयागराज के नैनी अरैल तट पर शिवालय पार्क का निर्माण किया गया है। यह पार्क 400 टन कबाड़ से तैयार किया गया है और सस्टेनेबिलिटी, भारतीय संस्कृति, कला और आध्यात्म का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। 14 करोड़ रुपए की लागत से 11 एकड़ में फैला यह पार्क महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होगा।

यह भी पढ़ें… महाकुंभ से पहले और साफ-सुथरा होगा प्रयागराज, शहर में बना UP का पहला बायो सीएनजी प्लांट

शिवालय पार्क का निर्माण नगर निगम प्रयागराज ने किया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, रेलवे और इलेक्ट्रिसिटी विभाग ने अपना योगदान दिया। वर्षों से जंग खाए बिजली के खंभे, पुराने ट्रक, कार, पाइप, रिक्शे, रेल की टूटी पटरियां, और अन्य कबाड़ को एकत्रित कर इस अनूठे पार्क का स्वरूप दिया गया है। 22 कलाकारों और 500 श्रमिकों की मेहनत से तीन महीने में इसे तैयार किया गया।

शिवालय पार्क में सभी 12 ज्योतिर्लिंग उनके वास्तविक आकार में बनाए गए हैं, यानी एक स्थान पर ही लें सभी तीर्थयात्रा का अनुभव।

  1. 1- सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)
  2. 2- मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)
  3. 3- महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
  4. 4- ओंकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)
  5. 5- बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)
  6. 6- भीमाशंकर मंदिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र)
  7. 7- रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
  8. 8- नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)
  9. 9- काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
  10. 10- त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र)
  11. 11- केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड)
  12. 12- घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)

शिवालय पार्क में ये मंदिर भी बनाए गए हैं

  • बैजनाथ मंदिर (बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश)
  • पशुपतिनाथ मंदिर (काठमांडू, नेपाल)
  • लिंगराज मंदिर (भुवनेश्वर, ओडिशा)
  • वीरभद्र मंदिर (लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश)
  • शोर मंदिर (महाबलीपुरम, तमिलनाडु)

वेस्ट से वंडर: कला, संस्कृति और स्वच्छता का मेल

पार्क को वेस्ट एंड वंडर थीम पर तैयार किया गया है। इसके अंतर्गत वेस्ट मटीरियल का उपयोग कर एक ऐसे स्थल का निर्माण हुआ है, जो कला और स्वच्छता का प्रतीक है। बच्चों के लिए एक अलग जोन, तुलसी वन और संजीवनी वन, फूड कोर्ट, रेस्त्रां और 600 मीटर लंबा जलाशय (जहां बोटिंग की व्यवस्था है) जैसे विशेष आकर्षण यहाँ मौजूद हैं। पार्क में विजिटर्स की सुविधा के लिए 700 वर्ग मीटर लंबी पार्किंग भी बनाई गई है।

यह पार्क न केवल एक दर्शनीय स्थल है, बल्कि एक ऐसा केंद्र है जहां बच्चे और बड़े भगवान शिव और उनके विभिन्न मंदिरों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। वेस्ट से वंडर बनाने की तकनीक को यहां सिखाया भी जा रहा है।

प्रतिदिन 50 हजार विजिटर्स की क्षमता

भारत के नक्शे के आकार में बनाए गए इस पार्क में प्रतिदिन एक साथ 50 हजार विजिटर्स आने की क्षमता है। इसके माध्यम से श्रद्धालु एक ही स्थान पर भारत के प्रमुख तीर्थों का अनुभव कर सकते हैं। यह पार्क महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करेगा।

प्रयागराज के नगर आयुक्त ने बताया…

नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने कहा, “शहर को साफ रखना नगर निगम की प्राथमिकता है और शिवालय पार्क हमारी इसी प्रतिबद्धता का परिणाम है। महाकुंभ से पहले हमने कुछ ऐसा करने का संकल्प लिया था, जो शहर की सफाई और सुंदरता दोनों को बढ़ाए। कबाड़ को कला में बदलने की इस पहल ने प्रयागराज को वेस्ट टू वंडर पार्क का तोहफा दिया है।”