उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन को लेकर एक वर्ल्ड गाइड बुक तैयार करने जा रही है, जो दुनिया भर के बड़े आयोजनों के लिए एक मानक बनेगी। यह गाइड बुक सुरक्षा, स्वच्छता, भीड़ प्रबंधन, अतिथि सत्कार और यातायात जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित होगी। प्रयागराज के संगम पर आयोजित इस धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन ने वैश्विक स्तर पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अब इसे व्यवस्थित रूप में दुनिया को पेश करने की तैयारी है।

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आयोजन पर गहराई से शोध के लिए बनाई गई विशेषज्ञ टीम

महाकुंभ के आयोजन पर गहराई से शोध करने के लिए आईआईटी कानपुर के 20 विशेषज्ञों की टीम तैनात की गई है। यह टीम इंजीनियरिंग, टेक्निकल और इकोनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर विशेष अध्ययन कर रही है। आईआईटी के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि यह गाइड बुक आने वाले समय में विश्वस्तरीय आयोजनों के लिए एक मानक दस्तावेज बनेगी। मार्च के अंत तक इसे तैयार करने की योजना है।

इस रिपोर्ट में मोबाइल टॉवर डेटा, टिकट बिक्री, ई-पेमेंट, साइबर सुरक्षा, जीएसटी संग्रह और पेंट माय सिटी जैसे मुद्दों का भी गहराई से अध्ययन किया जा रहा है। लिडार तकनीक से भीड़ प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के तकनीकी पहलुओं की जांच की गई है। आईआईटी की टीम ने मेला प्रशासन के साथ कई बैठकों के जरिए जरूरी जानकारी जुटाई है। भीड़ नियंत्रण के लिए लगाए गए कैमरों और तकनीकी उपकरणों को भी परखा गया है ताकि किसी भी प्रकार के डेटा लीक की संभावना को खत्म किया जा सके।

दूसरे राज्यों की टीमों ने सीखा क्राउड मैनेजमेंट का तरीका

महाकुंभ के भीड़ प्रबंधन मॉडल को समझने के लिए महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अधिकारियों की विशेष टीम ने आयोजन स्थल का दौरा किया। महाराष्ट्र के संभागीय आयुक्त डॉ. प्रवीन गेडाम और मध्य प्रदेश के 30 पुलिस अधिकारियों ने यहां भीड़ प्रबंधन की बारीकियों को समझा।

उज्जैन में 2028 के सिंहस्थ कुंभ में मिलेगा फायदा

मध्य प्रदेश के उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ के आयोजन के लिए भी यह अनुभव काफी लाभकारी होगा। इन अधिकारियों ने पांटून पुलों पर यातायात व्यवस्था और कमांड सेंटर में भीड़ निगरानी की प्रक्रिया को करीब से देखा। मध्य प्रदेश से आई टीम में 10 आईपीएस और 19 डिप्टी एसपी शामिल थे, जिनमें नौ महिला अधिकारी भी थीं। इन अधिकारियों ने महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और निगरानी के अलग-अलग पहलुओं पर प्रशिक्षण लिया।

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महाकुंभ में अब तक 200 प्रशिक्षु आईपीएस भी आ चुके हैं, जिन्होंने इस भव्य आयोजन के प्रबंधन के गुर सीखे। इससे देश के अन्य आयोजनों में भी बेहतर प्रबंधन की संभावना बढ़ गई है।

यह गाइड बुक अपने तरह की पहली ऐसी पुस्तक होगी, जो धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों के प्रबंधन को एक वैश्विक मानक के रूप में प्रस्तुत करेगी। महाकुंभ का यह मॉडल भविष्य में बड़े आयोजनों के लिए उदाहरण बनेगा।