Prayagraj Art and Culture: प्रयागराज में इस समय हर तरफ सिर्फ महाकुंभ मेला ही मेला दिख रहा है। इससे शहर विकास और सुंदरीकरण के नए आयाम छू रहा है। शहर को इस प्रकार सजाया जा रहा है जैसे कोई दुल्हन तैयार हो। साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था की जा रही है और नगर निगम के सफाई कर्मी चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। लेकिन, यह सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं है; प्रयागराज के छात्रों और कला प्रेमियों के लिए अब एक और बड़ी सौगात आई है, जो शहर को और भी खास बना रही है।
48 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का हुआ कायाकल्प
केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्मार्ट सिटी मिशन के तहत प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने नगर में 48 पुराने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प किया है, और इसके साथ ही 12 नए विद्यालयों की भी सौगात दी है। इन स्कूलों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से लैस किया गया है, जिससे यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 21वीं सदी के शिक्षा मानकों से जोड़ने की पूरी कोशिश की गई है। यह सभी परियोजनाएं ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत चल रही हैं, जिसमें कुल 48 करोड़ रुपए का खर्च आया है।
नए और कायाकल्प किए गए स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यहां हर स्कूल में एक स्मार्ट क्लास बनाई गई है, जिसमें प्रोजेक्टर, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी और दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विशेष शौचालय जैसी सुविधाएं दी गई हैं। विशेष बात यह है कि पुराने 48 स्कूलों में प्रोजेक्टर लगाए गए हैं, वहीं नए 12 स्कूलों में 82 इंच की टच-स्क्रीन लगाई गई है।
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हर नए स्कूल में 14 कमरे उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें प्रिंसिपल रूम, स्टाफ रूम, स्मार्ट क्लासरूम, लाइब्रेरी रूम, साइंस रूम, कंप्यूटर लैब, किचन रूम और शेड, लड़कों और लड़कियों के लिए वॉशरूम और विशेष रूप से विकलांग विद्यार्थियों के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है। स्वच्छता के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई है, और मिडडे मील के लिए किचन की स्थापना की गई है। विद्यार्थियों के बैठने के लिए नए फर्नीचर भी लगाए गए हैं। यह सुविधाएं न केवल बच्चों के लिए शिक्षा को सुगम बनाती हैं, बल्कि उनके समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
निराला आर्ट विलेज बना कला प्रेमियों का नया गढ़
प्रयागराज में कला प्रेमियों के लिए एक और शानदार परियोजना का उद्घाटन हुआ है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विजुअल आर्ट डिपार्टमेंट में लगभग 7 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित “निराला आर्ट विलेज” अब शहर का आकर्षण केंद्र बन चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य कला के विभिन्न रूपों को बढ़ावा देना और प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करना है।
यह कला गांव चित्रकला, मूर्तिकला और ग्राफिकल चित्रण जैसी कला विधाओं के माध्यम से प्रयागराज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक धरोहर को प्रदर्शित करता है। निराला आर्ट विलेज के तहत सुंदर डिज़ाइन किया गया एंफीथिएटर और सात शिल्प झोपड़ियां हैं, जो परिसर को एक आदर्श गांव की तरह दिखाती हैं। इन झोपड़ियों की घुमावदार संरचना और ऊंचे रास्ते दर्शकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं। यह विलेज प्रयागराज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का गौरवपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है, और स्थानीय पारंपरिक कला रूपों को समाहित करके एक अनूठा सहयोगात्मक प्रयास किया गया है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मिशन मैनेजर (जनरल) का बयान
प्रयागराज स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मिशन मैनेजर (जनरल) संजय रथ के अनुसार, “ऑपरेशन कायाकल्प” का उद्देश्य विद्यार्थियों को एक आधुनिक और प्रगतिशील शिक्षा देने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करना है। प्रत्येक स्कूल में स्मार्ट क्लास की स्थापना इस संकल्प का एक हिस्सा है, जिससे बच्चों को किसी भी विषय को आसानी से समझने में मदद मिलती है। इसके अलावा, निराला आर्ट विलेज जैसे कला केंद्र भी छात्रों और कला प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करते हैं, जहां वे अपनी कला को प्रदर्शित कर सकते हैं और शहर की सांस्कृतिक धरोहर को समझ सकते हैं।
इस प्रयास से न केवल शिक्षा क्षेत्र में सुधार हो रहा है, बल्कि शहर की सांस्कृतिक विरासत को भी उजागर किया जा रहा है। महाकुंभ की तैयारियों के बीच इस तरह के विकास कार्य शहर की पहचान को और मजबूत करेंगे। यह कदम न केवल प्रयागराज के छात्रों और कला प्रेमियों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि आने वाले वर्षों में यहां के नागरिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा।
प्रयागराज में हो रहे इस विकास की दिशा को देखकर यह कहा जा सकता है कि महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले ही यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिकता के संगम में रूपांतरित हो चुका है।