Kumbh Mela MOU Sign with Google: महाकुंभ 2025 को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल क्रांति का एक बड़ा कदम उठाया है। प्रयागराज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गूगल और प्रयागराज मेला प्राधिकरण के बीच सहमति ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर हुए। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य महाकुंभ को डिजिटल स्वरूप प्रदान करना है, जिससे इसे वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।
डिजिटल नेविगेशन की सुविधा
गूगल ने पहली बार किसी अस्थायी नगर के लिए नेविगेशन सुविधा देने का निर्णय लिया है। यह सुविधा 4000 हेक्टेयर में फैले महाकुंभ मेले में उपलब्ध होगी। गूगल की ओर से पॉलिसी प्रमुख सिद्धार्थ सिंह और मेला प्राधिकरण की ओर से प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सुविधा मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन करने के साथ हर आयोजन और गतिविधि की जानकारी उनके स्मार्टफोन तक पहुंचाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “डिजिटल कुंभ” की परिकल्पना का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि संगम नगरी का डिजिटल मानचित्र हर व्यक्ति के स्मार्टफोन पर उपलब्ध होगा, जिससे मेले के अनुभव को आसान और सुव्यवस्थित बनाया जा सकेगा।
स्वच्छता कर्मियों का सम्मान
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन में सफाईकर्मियों, स्वेच्छाग्राहियों और नाविकों के योगदान को सराहा। सफाईकर्मियों को किट और जैकेट वितरित करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छता ही कुंभ की नींव है। उन्होंने 2019 के कुंभ में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सफाईकर्मियों के पाद प्रक्षालन को याद करते हुए इसे प्रेरणादायक बताया।
महाकुंभ 2025: प्रमुख स्नान पर्व
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ 2025 के स्नान पर्वों की जानकारी दी:
– 13 जनवरी: पौष पूर्णिमा
– 14 जनवरी: मकर संक्रांति (शाही स्नान)
– 29 जनवरी: मौनी अमावस्या (शाही स्नान)
– 3 फरवरी: बसंत पंचमी (शाही स्नान)
– 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा
– 26 फरवरी: महाशिवरात्रि
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि महाशिवरात्रि के बाद सफाईकर्मियों का विशेष अभिनंदन किया जाएगा।
दिसंबर के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयागराज दौरा प्रस्तावित है। इस दौरान वे 6500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। ये परियोजनाएं कुंभ मेले की भव्यता, स्वच्छता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई हैं।
कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक मदन मोहन मालवीय के प्रपौत्र न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाकुंभ 2025 न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र होगा, बल्कि तकनीकी नवाचार और स्वच्छता का प्रतीक भी बनेगा। गूगल के साथ यह साझेदारी एक ऐतिहासिक पहल है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।