Gangajal Kalash in Mahakumbh Mela: प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। हर श्रद्धालु की इच्छा होती है कि वे त्रिवेणी संगम का पवित्र जल अपने घर ले जाएं। हर साल, हजारों लोग संगम में स्नान करने के बाद त्रिवेणी का जल लेकर जाते हैं, लेकिन महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या होने के कारण यह जल सभी तक नहीं पहुंच पाता। इस बार, प्रयागराज महाकुंभ में सरकार ने एक विशेष व्यवस्था की है, ताकि हर श्रद्धालु को त्रिवेणी का जल आसानी से मिल सके।
इस वर्ष, उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर त्रिवेणी का जल बोतल बंद और कलश में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस कार्य को महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा संभाला जाएगा, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत प्रशिक्षित की जाएंगी। इन समूहों को इस काम के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे त्रिवेणी का जल श्रद्धालुओं को सही और सुरक्षित तरीके से उपलब्ध करा सकें। यह कदम सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास का हिस्सा भी है।
जल की पैकिंग और सुरक्षित वितरण
महाकुंभ में पवित्र त्रिवेणी जल की पैकिंग को लेकर भी विशेष ध्यान रखा गया है। इस जल को धातु से बने कलश और बोतलों में पैक किया जाएगा, जो न केवल सुरक्षित होंगे, बल्कि आकर्षक भी होंगे। इन पैकिंग्स को एक खास और इकोफ्रेंडली डिजाइन में रखा जाएगा। खासतौर पर मूंज से बनी डलियों में त्रिवेणी जल को रखा जाएगा। मूंज का उपयोग पर्यावरण के लिहाज से भी उपयुक्त है, क्योंकि यह प्राकृतिक सामग्री है और इसके उपयोग से प्लास्टिक के बोतलों का असर कम होगा।
प्रयागराज के महेवा गांव की महिलाएं, जो ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के तहत मूंज से विभिन्न उत्पाद तैयार करती हैं, उन्होंने खास डिजाइन की डलियां तैयार की हैं। इन डलियों में त्रिवेणी का जल एक लीटर, आधे लीटर और 250 मिली लीटर की पैकिंग साइज में मिलेगा। यह पैकिंग श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगी और जल को सुरक्षित रूप से ले जाने में मदद करेगी। साथ ही, इस पहल से प्रयागराज के मूंज उत्पाद की ब्रांडिंग भी होगी, जिससे स्थानीय कारीगरों को भी लाभ होगा।
महिलाओं को मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का मौका
महाकुंभ 2025 में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस कार्य में शामिल किया जाएगा, जिससे वे न केवल समाज की सेवा कर सकेंगी, बल्कि खुद भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इन महिलाओं को गंगाजल की बिक्री का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे इसे प्रभावी तरीके से बेच सकें। अगर इस परियोजना की सफलता को देखते हुए, भविष्य में इन समूहों की संख्या बढ़ाई जाएगी, तो इससे और भी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
महाकुंभ 2025 के लिए त्रिवेणी जल की इस पैकिंग और वितरण प्रणाली का उद्देश्य श्रद्धालुओं को पवित्र जल का एक सुरक्षित और आधुनिक तरीका प्रदान करना है। यह पारंपरिक मान्यता और आधुनिक तरीकों का संगम होगा, जिससे हर श्रद्धालु आसानी से त्रिवेणी का पवित्र जल ले सकेगा और साथ ही महिलाओं को एक सशक्त और आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा।
इस पहल के साथ ही महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल पवित्र जल मिलेगा, बल्कि वे एक नई सोच और नई व्यवस्था का हिस्सा भी बनेंगे, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महाकुंभ को एक नई पहचान देगी।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज आएंगे, जहां वह कुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान ‘निषादराज’ क्रूज उनकी यात्रा का प्रमुख आकर्षण होगा, जो पहली बार संगम क्षेत्र पहुंचेगा। यह क्रूज वाराणसी से रवाना होकर प्रयागराज आ रहा है और इसे भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के अधीन संचालित किया जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर