Cultural presentations in Kumbh Mela: प्रयागराज में 2024 के महाकुंभ की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। यह अद्भुत आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक अनुभव का केंद्र होगा, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी समर्पित किया जाएगा। अगले वर्ष 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस महाकुंभ में, देश के प्रमुख कलाकार कुंभ की गाथा को जीवित करेंगे और रामलीला तथा महाभारत जैसे महान महाकाव्यों का मंचन भी किया जाएगा।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन प्रस्तुतियों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक आस्था से जोड़ना है, बल्कि भारत की संस्कृति और इतिहास से भी परिचित कराना है।
महाकुंभ के गंगा पंडाल में कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी प्रमुख आकर्षण
25 जनवरी को प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा ‘हमारे राम’ पर अपनी विशेष प्रस्तुति देंगे, जो गंगा पंडाल में होगी। इसके बाद, 26 जनवरी को अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी गंगा अवतरण पर अपनी प्रस्तुति देंगी। महाभारत के दुर्योधन की भूमिका निभाने वाले अभिनेता पुनीत इस्सर महाभारत के मंचन में अपनी भूमिका निभाएंगे, जो महाकुंभ में एक प्रमुख आकर्षण होगा।
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इस कार्यक्रम में कुछ और शानदार प्रस्तुतियां भी शामिल हैं। 8 फरवरी को भोजपुरी अभिनेता और गोरखपुर के सांसद रवि किशन शिव तांडव की प्रस्तुति देंगे, जबकि 21 फरवरी को पुनीत इस्सर महाभारत का मंचन करेंगे। इसके अलावा, 23 जनवरी को लखनऊ की भारतेंदु नाट्य अकादमी काकोरी महागाथा प्रस्तुत करेगी, और 23 फरवरी को रिलायंस इंटरटेनमेंट एंड सोबो फिल्म ‘कुंभ गाथा’ का प्रदर्शन करेंगे।
10 जनवरी से 23 फरवरी तक चलने वाले इन कार्यक्रमों में अलग-अलग कलाकारों द्वारा किए जाने वाले मंचन और प्रस्तुतियों से श्रद्धालु और पर्यटक मंत्रमुग्ध होंगे। इन कार्यक्रमों का आयोजन न केवल संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए, बल्कि कुंभ मेला के गरिमामयी और धार्मिक वातावरण को और भी समृद्ध करने के लिए किया जा रहा है।
इसके अलावा इस बार कुंभ की धारा में एक नई लहर का संचार होने वाला है। जहां एक ओर श्रद्धालु गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे, वहीं दूसरी ओर वे भक्ति और संगीत के संगम में भी तृप्त होंगे। पूरे महाकुंभ क्षेत्र में इस बार अध्यात्मिक ऊर्जा के साथ संगीत का अनुपम संगम देखने को मिलेगा, जो हर श्रद्धालु के मन और आत्मा को शांति और आनंद से भर देगा। कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार फिल्मी और पारंपरिक संगीत के माध्यम से भक्तों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया जाएगा। इस अनुभव का मुख्य केंद्र बनेगा गंगा पंडाल, जहां प्रतिष्ठित कलाकार अपनी सुरीली आवाज और सुरों के जादू से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। यह आयोजन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें