जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं है क्योंकि यह प्रधानमंत्री के पहले के भाषणों का ‘‘दोहराव मात्र’’ है।
संसद के बजट सत्र के पहले दिन आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में दिये गये अभिभाषण के बारे में यादव ने कहा, ‘‘नया कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले जो कुछ कहा है, राष्ट्रपति के भाषण में उसे दोहराया गया है। भाषण बहुत लंबा था और लोगों को नींद आने लगी थी।’’
अभिभाषण में ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ के जिक्र के बारे में पूछे जाने पर शरद यादव ने कहा, ‘‘यह कहीं नहीं दिख रहा है। सरकार उत्सव के मूड में लगती है।’’
अध्यादेशों के मुद्दे पर जदयू नेता ने कहा कि अगर सब कुछ अध्यादेश से ही हो सकता है तो फिर संसद की क्या जरूरत है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं:
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं है और इसमें ‘काम कम और बातें ज्यादा’ हैं।
सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं है और इसमें सिर्फ नया रूप दी गयी संप्रग की कुछ नीतियों की चर्चा की गयी है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आज संसद के संयुक्त सत्र में आज दिये गये अभिभाषण के बारे में पूछे जाने पर सोनिया ने कहा, ‘‘इसमें नया कुछ नहीं है। इनमें संप्रग की कुछ पुरानी नीतियों को ही नया रूप दिया गया और पेश किया गया है।’’
पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दी गई छुट्टी के बारे में पूछे जाने पर सोनिया ने कहा कि उन्हें ‘‘कुछ सप्ताह (छुट्टी) दिये गये हैं। उन्हें कुछ समय चाहिए था।’’
वहीं दूसरी ओर बसपा प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति के संयुक्त अभिभाषण पर कहा कि केंद्र की नीतियां प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और इसमें ‘‘काम कम और बातें ज्यादा हैं।’’
उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा, ‘‘राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। विगत में जो सभी बातें कही गयी हैं, उसे ही विभिन्न तरीके से पेश किया गया है।’’
मायावती ने कहा, ‘‘ मैंने अभिभाषण ध्यानपूर्वक सुना। राष्ट्रपति का अभिभाषण हमेशा केंद्र की नीति को प्रदर्शित करता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार काम कम, बातें ज्यादा कर रही है। कम से कम राष्ट्रपति के अभिभाषण से तो ऐसा ही संकेत मिलता है।’’
बसपा प्रमुख ने भूमि अध्यादेश मुद्दे पर पार्टी के रुख के बारे में अपने पत्ते नहीं खोले। उन्होंने कहा कि वे अपनी रणनीति का खुलासा सदन के पटल पर करेंगी।
भूमि अध्यादेश पर अन्ना हजारे के आंदोलन के बारे में उनकी राय पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि यह किसानों के हित में है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार द्वारा लाया गया भूमि अध्यादेश आम लोगों के हित में नहीं है। अन्ना हजारे इसका विरोध कर रहे हैं और वह किसानों के हित में यह कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने शुरू से ही अध्यादेश का विरोध किया है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी हजारे के आंदोलन का समर्थन करेगी, मायावती ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी अन्ना हजारे के जंतर मंतर आने के पहले इसका विरोध कर रही थी। हम अन्ना का अनुसरण नहीं कर रहे हैं। हमारी पार्टी की अपनी नीति है। जब तक सरकार भूमि अधिग्रहण नीति में बदलाव नहीं करती, हम इसका जोरदार विरोध करेंगे क्योंकि यह किसानों के हित में नहीं है।’’