यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के भाई जनता दल (सेक्युलर) एमएलसी सूरज रेवन्ना के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न को लेकर मामला दर्ज किया गया है। एक व्यक्ति ने शनिवार को हासन जिले के होलेनरसीपुरा पुलिस स्टेशन में सूरज रेवन्ना के खिलाफ मामला दर्ज कराया। आरोप लगाया गया कि 16 जून को रेवन्ना के फार्महाउस पर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।
शिकायतकर्ता ने कहा कि सूरज रेवन्ना ने उसे अपने फार्महाउस पर बुलाया था और उसने जबरदस्ती उसे चूमा और उसके होंठ और गालों को काट लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सहयोग न करने पर सूरज रेवन्ना ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। व्यक्ति ने शिकायत में कहा, “सूरज ने मुझसे कहा कि तुम इस फार्महाउस में अकेले हो। तुम मेरे और हमारे परिवार के बारे में नहीं जानते। उसने मुझे सहयोग न करने पर जान से मारने की धमकी दी।”
पीड़ित व्यक्ति ने आरोप लगाया कि सूरज ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया, जिसके बाद उसने उससे कहा कि वह जिले में राजनीतिक रूप से बढ़ने में उसकी मदद करेगा। उन्होंने शिकायत में कहा कि उन्होंने बाद में घटना के बारे में सूरज को मैसेज किया था और सूरज ने जवाब दिया था, “चिंता मत करो, सब कुछ ठीक हो जाएगा।”
इससे पहले शनिवार को सूरज रेवन्ना और उनके परिचित शिवकुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें झूठे यौन उत्पीड़न के आरोप पर दो लोगों द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि एक व्यक्ति ने शुरू में उनसे दोस्ती की और वित्तीय संकट का हवाला देते हुए नौकरी लेने में मदद का अनुरोध किया। शिवकुमार लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें सूरज से मिलवाने के लिए राजी हो गए।
17 जून को उस व्यक्ति ने शिवकुमार को फोन किया और दावा किया कि वह पिछले दिन नौकरी मांगने के लिए रेवन्ना के फार्महाउस पर गया था, लेकिन उसे नौकरी देने से मना कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर रेवन्ना और उनके परिवार को बदनाम करने की धमकी दी और कहा कि अगर उनकी 5 करोड़ रुपये की मांग पूरी नहीं हुई तो वह यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करा देंगे।
यह घटनाक्रम जद (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ ही दिनों बाद आया है। प्रज्वल (जो हासन से एनडीए के लोकसभा उम्मीदवार थे) 27 अप्रैल को देश से भाग गए जब कई वीडियो सामने आए जिसमें कथित तौर पर उन्हें कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते दिखाया गया था। 31 मई को जर्मनी से लौटने पर एसआईटी अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।