बीजेपी नेता और भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के संसद में नाथूराम गोडसे को कथित रूप से देशभक्त कहने पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। इसको लेकर विरोध तेज हो गया है। बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल पर बहस के दौरान प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने यह बयान दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वे क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बात कर रही थीं। बाद में बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर पर पार्टी कार्रवाई कर सकती है। गुरुवार को प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय से संबंधित संसदीय कमेटी से हटा दिया गया।

छत्तीसगढ़ और एमपी के सीएम ने मांगी सफाई : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर बीजेपी से अपना स्टैंड स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “बीजेपी साफ करे कि वह गांधी के साथ हैं या गोडसे के साथ हैं। मुंह में गांधी और दिल में गोडसे नहीं चलेगा।” मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने पर भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को दिल से कभी माफ़ नहीं करने की बात कहने वाले (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी को अब लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद में इसी बयान को दोहराने पर सांसद प्रज्ञा ठाकुर को क़तई माफ़ नहीं करना चाहिये।”

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संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि प्रज्ञा ने उधम सिंह के बारे में बोला था : इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को कहा कि भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने पार्टी को बताया है कि उन्होंने नाथूराम गोडसे का समर्थन नहीं किया और वह सिर्फ क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बातें कर रही थीं। बताया, “प्रज्ञा ठाकुर के अनुसार उन्होंने नाथूराम गोडसे के बारे में या उनके समर्थन में कुछ नहीं कहा, वह जनरल डायर को जान से मारने वाले क्रांतिकारी उधम सिंह के बारे में बात कर रही थीं।”

लोकसभा चुनाव के दौरान भी दिया था ऐसा बयान, पीएम मोदी ने जताई थी नाराजगी : प्रज्ञा ठाकुर ने इस तरह के बयान पहली बार नहीं दिए हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने कहा था कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और हमेशा रहेंगे।हालांकि बीजेपी ने उनके बयान की निंदा की थी और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा था। बीजेपी की ओर से साध्वी प्रज्ञा को विवादित बयान पर कारण बताओ नोटिस दिया गया था और अनुशासनात्मक कमेटी को मामला सौंपा गया था। जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने माफी मांग ली थी। तब पीएम मोदी ने भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि यह बहुत खराब बात है और घृणा के लायक है। सभ्य समाज के अंदर इस प्रकार की बातें नहीं चलती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भले ही वे (साध्वी प्रज्ञा) माफी मांग ली हों, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी भी माफ नहीं कर पाऊंगा।