देश में भले ही आर्थिक मंदी का माहौल है, लेकिन दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत जमा राशियों के आंकड़ों ने चौंका दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के तहत जमा राशि दो गुनी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत पांच साल में औसत जमा रकम 1000 रुपये से बढ़कर 2853 रुपये हो चुकी है। इन खातों में लगातार धीरे-धीरे इजाफे का क्रम जारी है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों से लेक शहरों तक वस्तु एवं सेवाओं की मांग घटी है। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग कम होने पर आर्थिक चुनौतियां बढ़ी हुई हैं। लेकिन, आंकड़े बताते हैं कि PMJDY (प्रधानमंत्री जनधन योजना) पर इसका कोई नकारात्कम असर नहीं है।

गौरतलब है कि जनधन योजना के तहत बैंकों ने 37.34 करोड़ खाता खोले हैं, जिनमें 1.06 लाख करोड़ रुपये की धनराशि जमा की गई है। इस योजना की शुरूआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी। पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक जनधन योजना का उद्देश्य गरीब तबके को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ना है।

इस योजना के तहत खाता खुलवाने के कई लाभ भी जुड़े हैं। इसके जरिए रूपे डेबिट कार्ड और ओवपड्राफ्ट की सुविधा दी जाती है। खास बात कि यह जीरो बैलेंस एकाउंट होता है। इसमें न्यूनतम धनराशि रखने की भी जरूरत नहीं होती। 28 अगस्त 2018 के बाद खोले गए बैंक अकाउंट के लिए सरकार ने दुर्घटना बीमा 1 लख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख कर दिया है। साथ ही ओवरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी (10,000 रुपये) कर दी गई है।

गौरतलब है कि ओवरड्राफ्ट की सुविधा ऐसी सुविधा है जिसमें खाता धारक की अगर बैंकिंग रिकॉर्ड अच्छे हैं, तो वह अपने अकाउंट में धनराशि नहीं होने के बावजूद भी पैसे की निकासी कर सकता है। एक खास लिमिट (10000 रुपये) तक वह बैंक से रकम निकाल सकता है। अगर देखा जाए तो यह एक छोटे वक्त तक के लिए दिया गया लोन है। इसका उद्देश्य है कि गरीब परिवार ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठाकर साहूकारों के ब्याज वाली गुलामी से छुटकारा पाए। सरकार की तरफ से कहना है कि आगामी दिनों में इस योजना का दायरा अभी और बढ़ने वाला है।