हम भारतीय जुगाड़ में किस हद तक माहिर हैं यह दुनिया को बताने की जरूरत नहीं है। जुगाड़तंत्र के जरिए स्थिति को कैसे संभाल लिया जाता है, यह भारतीय जनमानस से बेहतर भला कौन जान सकता है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घटना ऐसी हुई जिसमें ‘प्रेजेंस ऑफ माइंड’ और जुगाड़ का मिश्रित स्वरूप था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस जब सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, उसी दौरान अचानक अदालत से बिजली गुल हो गयी। हालांकि, वहां मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुशार मेहता ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल केस से जुड़े काग़जात पढ़ रहे थे। तभी बिजली चली गयी। उनके ठीक सामने बैठे सॉलिसिटर जनरल तुशार मेहता ने तुरंत अपना सेलफोन-टॉर्च ऑन कर दिया। सेलफोन की टॉर्च की रोशनी में एटॉर्नी जनरल ने काग़जात पढ़ना जारी रखा। हालांकि, एक मिनट बाद ही दोबारा बिजली आ गयी।

