नोटबंदी को लेकर भारतीय रिवर्ज बैंक की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार लगातार विरोधियों के निशाने पर है। चौरतरफा हो रही आलोचना को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग लिखकर नोटबंदी के फैसले का बचाव किया है। अरुण जेटली ने लिखा है कि बैंकों में जमा नहीं की गई नकदी को अमान्य करना ही नोटबंदी का एकमात्र लक्ष्य नहीं था। उन्होंने लिखा कि भारत को गैर कर अनुपालन समाज से कर अनुपालन समाज में बदलना, अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाना और कालेधन पर सीधा प्रहार करना इसका बड़ा उद्देश्य था। उन्होंने लिखा कि नकदी जमा होने के बाद उसके स्वामी की पहचान हो जाती है। इसी के अनुसार, नोटबंदी के बाद 18 लाख जमाकर्ताओं की पूछताछ के लिए पहचान हो गई है। उनमें कई लोगों से कर और जुर्माना वसूला जा रहा है। केवल बैंकों में रुपयों के जमा होने से इस बात का अनुमान नहीं लगता है कि वह सारा सफेद ही है।
जेटली ने कहा कि मार्च 2014 के 3.8 करोड़ रुपये के आयकर रिटर्न फाइल होने के मुकाबले 2017-18 में अभूतपूर्व इजाफे के साथ 6.86 करोड़ रुपये का आयकर रिटर्न फाइल होना बढ़ती अर्थव्यवस्था के सबूत के साथ-साथ नोटबंदी के असर को दिखाता है। उन्होंने लिखा कि नोटबंदी के बाद के दो वर्षों में नए फाइल किए गए रिटर्न की संख्या 85.51 लाख और 1.07 करोड़ रुपये हो गई। जेटली ने लिखा कि आयकर संग्रह 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ के आंकड़े से बढ़कर 2017-18 में 10.02 लाख करोड़ हो गया है। डेटा खुद में अपनी समझदारी बयां करता है।
Cash once deposited removes anonymity of its owner. Accordingly,post demonetisation about 1.8 million depositors have been identified for enquiry.Many of them are being fastened with Tax&Penalties.Mere deposit in a bank does not lead to a presumption that it is Tax paid Money: FM
— ANI (@ANI) August 30, 2018
बता दें कि बुधवार (29 अगस्त) को भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि नोटबंदी के जरिये बैन किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती पूरी हो गई है। 15.41 लाख करोड़ रुपये में से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंक में वापस आ गए। करीब 10 हजार करोड़ रुपये के नोट नहीं आए। इस रिपोर्ट के आने को बाद मोदी सरकार को पहले से घेर रहे विपक्ष को जोरशोर से हमलावर होने का मौका हाथ लग गया। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी और अरुण जेटली निशाना साधा।