पुणे पोर्शे हादसे में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के मामले में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि गिरफ्तार किए अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ अजय तावरे ने ब्लड सैंपल लेने से दो घंटे पहले नाबालिग के पिता के साथ 14 बार फोन बार फोन पर बात की थी।
पुलिस उन्हें स्थानीय अदालत के सामने पेश कर चुकी है और उनके दो अन्य लोगों की रिमांड मांगी गई है। इस दौरान पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों ने नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने के लिए रिश्वत ली थी। पुलिस जांच के मुताबिक नाबालिग के ब्लड के सैंपल को कूड़ेदान में फेंक दिया गया था और उसकी जगह किसी और ऐसे शख्स के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था जो शराब ही नहीं पीता था।
क्या है नई जानकारी?
पुणे पुलिस ने इस मामले में लगातार नए खुलासे किए हैं। दोनों डॉक्टर को गिरफ्तार करने के बाद अब डॉ. तावरे के साथ-साथ कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. श्रीहरि हलनोर और अस्पताल के मुर्दाघर में काम करने वाले अतुल घाटकांबले से जुड़े ठिकानों की तलाशी भी ली गई। पुलिस ने डॉ. हलनोर से 2.5 लाख रुपये और घाटकांबले से 50,000 रुपये बरामद किए हैं।
इस मामले पर बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हलनोर और घाटकांबले से बरामद की गई रकम उन्हें मिले कट्स के रूप में मानी जा रही है। लेकिन जांच का मुख्य फोकस अब डॉ. तावरे के लेन-देन पर है, यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्हें कितना पैसा मिला या उनसे कितने पैसे के बदले इस काम को करने का वादा किया गया था।”
डॉ तावरे जांच के घेरे में
पुलिस ने मंगलवार को डॉ तावरे से जुड़े ठिकानों पर तलाशी ली और एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा,”जांच का एक और महत्वपूर्ण पहलू वह ब्लड सैंपल है जिसे नाबालिग के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था। हमारी जांच से पता चलता है कि नमूना बदलने और जांच को इस तरह प्रभावित करने का पूरा आइडिया डॉ तावरे का था।”
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया, “19 मई को सुबह 11 बजे के आसपास ससून अस्पताल में नाबालिग का ब्लड सैंपल जमा किया गया था। कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चलता है कि उससे दो घंटे पहले डॉ. तावरे और नाबालिग के पिता के बीच 14 बार फोन कॉल हुआ था। ये कॉल व्हाट्सएप, फेसटाइम अलग तरीके से किया गया था। जांच के दौरान इन कॉल्स की डिटेल हासिल की गई है। हम यह भी जांच कर रहे हैं कि नाबालिग के पिता का तावरे से संपर्क कैसे हुआ और क्या कोई और भी था जिसने उनके बीच मध्यस्थता की है।”
कैसे उजागर हुआ मामला?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सैंपल बदलने का पता तब चला जब पुलिस को खुफिया जानकारी मिली कि ससून अस्पताल में सैंपल के साथ छेड़छाड़ की कोशिश हो सकती है। जिसके बाद पुलिस ने औंध के जिला अस्पताल में नाबालिग से दूसरा सैंपल लिया। दोनों सैंपल 20 मई को एक सरकारी फोरेंसिक लैब में भेजे गए। एक दिन बाद नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया और उसका सैंपल भी डीएनए विश्लेषण के लिए भेज दिया गया। जब रिपोर्ट आई तो नाबालिग के पिता का ब्लड सैंपल सरकारी लैब के सैंपल से मैच कर रहा था, जबकि ससुन अस्पताल के सैंपल से उसका मिलान नहीं हुआ।