C. P. Radhakrishnan News: एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की, उन्होंने विपक्ष के बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के बड़े अंतर से हराया। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण हुए चुनाव में राधाकृष्णन के पक्ष में 452 सांसदों ने मतदान किया। उपराष्ट्रपति चुने जाने पर सीपी राधाकृष्णन की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “हर पद महत्वपूर्ण है और हर पद की अपनी सीमाएं होती हैं। हमें समझना होगा कि हमें उस दायरे में रहकर काम करना है। दूसरे पक्ष ने कहा कि यह एक वैचारिक लड़ाई है, लेकिन वोटिंग पैटर्न से हम समझते हैं कि राष्ट्रवादी विचारधारा विजयी हुई है।”
सीपी राधाकृष्णन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “नई क्षमता में, मैं राष्ट्र के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा। लोकतंत्र में, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों महत्वपूर्ण हैं। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लोकतंत्र के हित को ध्यान में रखा जाएगा। हम सभी को मिलकर काम करना होगा। अगर हमें 2047 तक विकसित भारत चाहिए, तो हमें हर चीज में राजनीति नहीं करनी चाहिए। चुनाव खत्म होने के बाद, हमें राजनीति भूलकर विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा।”
सीपी राधाकृष्णन को कितने वोट मिले?
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ सीधे मुकाबले में थे। सी.पी. राधाकृष्णन ने 152 वोटों से जीत हासिल की। राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी ने बताया कि राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। मोदी ने मीडिया को बताया, “एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। उन्हें भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले।”
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सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?
सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है। उनका जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। राधाकृष्णन के पास बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन की डिग्री है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सदस्य रहे राधाकृष्णन केंद्रीय मंत्री बनने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन 1998 में भाजपा के तत्कालीन नेताओं द्वारा उनके नाम को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति पैदा होने के कारण उन्हें तमिल समुदाय के ही पोन राधाकृष्णन से हारना पड़ा। सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए समृद्ध राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव वाला एक बेदाग नेता माना जाता है और यह राज्यसभा के सभापति के रूप में भी उपयोगी साबित होगा।
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