राजनीति विज्ञान न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले पाठ्यक्रमों में से एक है। राजनीति विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र अत्यंत व्यापक है। टूटी हुई सड़क और नल में पानी न आने से लेकर विश्व शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण तक के विषय राजनीति विज्ञान के अंतर्गत आते हैं।
राजनीति विज्ञान की विषयवस्तु
वर्तमान में विभिन्न देशों में राजनीति विज्ञान के अंतर्गत सामान्यत: निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण आयामों का अध्ययन किया जाता है। राजनीतिक सिद्धांत के तहत शास्त्रीय राजनीतिक दर्शन और समकालीन सैद्धांतिक दृष्टिकोण; राष्ट्रीय / घरेलू राजनीति- स्थानीय, क्षेत्रीय, राज्य (प्रांतीय) और राष्ट्रीय सरकारों की भूमिकाएं और गतिविधियां का अध्ययन किया जाता है। तुलनात्मक राजनीति के अंतर्गत देशों और सरकारी प्रणालियों के बीच समानताएं और अंतर के बारे में पढ़ा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय संबंध के तहत देशों के राजनीतिक व आर्थिक संबंध, अंतरराष्ट्रीय संगठनों व विदेश नीति का निर्माण और संचालन का अध्ययन किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय विधि के अंतर्गत मानवाधिकार और विभिन्न देशों के संबंधों के कानूनी अधिकार व कर्तव्य के बारे में पढ़ा जाता है। लोक प्रशासन और सार्वजनिक नीति के अंतर्गत नौकरशाही की भूमिका, सरकारी नीतियों का गठन और कार्यान्वयन का अध्ययन किया जाता है।
शेष विश्व की तरह भारत में भी राजनीति विज्ञान में करिअर या रोजगार की दृष्टि से अत्यंत संभावनाएं हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं। करिअर या रोजगार की दृष्टि से राजनीति विज्ञान से जुड़े करिअर को दो प्रकार के क्षेत्रों में बांटकर देखा जा सकता है। एक- पारंपरिक क्षेत्र और दूसरा- आधुनिक क्षेत्र। हालांकि समाज विज्ञानों में इस प्रकार का स्पष्ट विभाजन संभव नहीं है परंतु अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से ऐसा किया जा सकता है। पारंपरिक माध्यमों और क्षेत्रों में राजनीति विज्ञान से जुड़े करिअर इस प्रकार हैं।
शिक्षा का क्षेत्र
राजनीति विज्ञान में करिअर की दृष्टि से एक बड़ा क्षेत्र सरकारी और निजी क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करने वाली सेवाओं का है जिसमें विद्यालय स्तर पर राजनीति विज्ञन की डिग्री के साथ बीएड कर और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा / राज्यस्तरीय पात्रता परीक्षा और पीएचडी कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में करिअर बनाया जा सकता है। उच्चस्तरीय शोध व शिक्षा से अत्यंत प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अध्यापन, शैक्षिक सलाहकार आदि क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण योगदान का अवसर मिल सकता है।
प्रशासनिक सेवाएं
प्रशासनिक सेवा भारत में एक अत्यंत लोकप्रिय विकल्प है। बल्कि यह कहा जाता है कि भारत में स्नातक करने वाला प्रत्येक विद्यार्थी राज्य प्रशासनिक सेवा या केंद्रीय प्रशासनिक सेवा में जाने की बात अवश्य सोचता है। सिविल / प्रशासनिक सेवाओं को भारत के सबसे सम्मानित कार्यों में से एक माना जाता है। विभिन्न लोकसेवा आयोगों के पिछले चार-पांच सालों के परिणाम को देखा जाए तो पाएंगे कि राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध एक अत्यंत सफल और लोकप्रिय है।
सक्रिय राजनीति का क्षेत्र
देश के सक्रिय राजनीतिज्ञों की शैक्षिक योग्यता का अध्ययन किया जाए तो पाएंगे कि उनमें से अधिकांश ने राजनीति विज्ञान विषय का अध्ययन किया है। राजनीति विज्ञान की अध्ययन सामग्री में भारतीय कानून, संविधान, प्रशासन, जनमत, राजनीतिक दल, विचारधारा आदि सम्मिलित हैं जो राजनीतिज्ञ को अपने कार्यों और भूमिका की महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हैं। अत: राजनीति में आने के इच्छुक विद्यार्थी को राजनीति विज्ञान विषय का अवश्य अध्ययन करना चाहिए।आधुनिक माध्यमों और क्षेत्रों में राजनीति विज्ञान से जुड़े करिअर इस प्रकार हैं।
सोशल मीडिया
एक मजबूत सोशल मीडिया प्रबंधक आज राजनीतिक उम्मीदवारों, अधिकारियों और पार्टियों से लेकर हित समूहों तक समस्त राजनीतिक प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व बन गया है। पिछले कुछ सालों से लगभग पूरे विश्व के लोकतांत्रिक देशों के चुनावों में सोशल मीडिया अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। यह कहा जाने लगा है कि अब चुनाव उम्मीदवार नहीं बल्कि उसका सोशल मीडिया लड़ता है। वर्तमान भारतीय राजनीति में सोशल मीडिया के क्षेत्र में रोजगार के खूब अवसर हैं। ऐसे में राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी के पास बड़े अवसर हैं क्योंकि इस विषय की समझ के साथ विभिन्न राजनितिक दलों के सोशल मीडिया प्रबंधन कर आत्म-निर्भर बन करिअर बनाया जा सकता है।
राजनीतिक सर्वेक्षणकर्ता के रूप में करिअर
राजनीतिक सर्वेक्षण और राजनीतिक अभियानों के संचालन के क्षेत्र में भी राजनीति विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए दरवाजे खुले हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों की एर से पिछले कुछ सालों से मतदाताओं की नब्ज पहचानने के लिए सर्वेक्षण की प्रवृत्ति बढ़ी है। बड़े दल तो इन सर्वेक्षणों पर बहुत मोटी राशि तक खर्च कर देते हैं। वहीं, चुनाव लड़ने के परंपरागत तरीकों में भी बदलाव आया है।
अब चुनाव के लिए राजनीतिक अभियान चलाए जाने लगे हैं। विषय की पृष्ठभूमि के कारण राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी इस क्षेत्र में किसी कंपनी में काम कर सकते हैं या अपना स्वयं का कार्य कर भी अपना करिअर बना सकते हैं। राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में कार्य कर सकते हैं। जनसंपर्क विशेषज्ञ, नीति, सार्वजनिक मामलों व चुनाव विश्लेषक, राजनीतिक सलाहकार, राजनीतिक सचिव आदि के क्षेत्र में भविष्य बना सकते हैं हैं।
- कुलदीप कुमार (शिक्षक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय)।