उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। विपक्षी दल भाजपा ने दावा किया है कि कुछ कांग्रेसी विधायक उसके संपर्क में हैं। भाजपा नेता तीरथ रावत ने एएनआई को बताया कि 12-13 कांग्रेस विधायक उनके संपर्क में हैं। वे सरकार से नाराज हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी ने एएनआई को बताया,’शाम को आपको पता चल जाएगा कि क्या होने वाला है। हम लोगों की आवाज हैं।’ बताया जा रहा है कि कुछ नाराज कांग्रेस विधायक भाजपा के पाले में जाकर राज्य बज्ट पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट कर सकते हैं।
कांग्रेस ने इस तरह की खबरों का खंडन किया है। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बताया,’हमारी पार्टी को कोई खतरा नहीं है। हम सुरक्षित हैं। सभी विधायक हमारे साथ हैं।’ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कहा कि सरकार को खतरा नहीं है। उन्होंने कहा,’सरकार को कुछ नहीं होने जा रहा। जनता का आशीर्वाद और विश्वास हमारे साथ हैं। वर्तमान में 70 सदस्यीय विधानसभा में हरीश रावत सरकार को 42 विधायकों का समर्थन हैं। इनमें 37 कांग्रेस, 3 निर्दलीय और दो बसपा विधायक शामिल हैं। भाजपा के पास 28 विधायक हैं।
उत्तराखंड की राजनीति में यह बदलाव भाजपा विधायक गणेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद आया। जोशी को शुक्रवार को पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ की टांग टूटने के मामले में गिरफ्तार किया गया। भाजपा ने इस मामले की निंदा की। वहीं सुबह 11 बजे विधानसभा शुरू होते ही विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने यह मामला उठाया। उन्होंने व अन्य भाजपा विधायकों ने जोशी को विधानसभा में उपस्थित रहने की अनुमति देने की मांग की।
मसूरी से विधायक गणेश जोशी के समर्थकों ने इस मामले में बंद का एलान किया है। इसी बीच दिल्ली आए हुए राज्यपाल केके पॉल यात्रा बीच में ही छोड़ देहरादून लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि वे भाजपा नेताओं के दल से शुक्रवार शाम को मुलाकात करेंगे। हरीश रावत सरकार के खिलाफ वोटिंग होने पर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
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