महाराष्ट्र के सियासी बदलाव पर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया बल्कि उन पार्टियों को वोट दिया जो बीजेपी को हरा सकती थी। पवार ने यह बयान मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित करते हुए दिया।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा ‘महाराष्ट्र चुनाव में मुस्लिमों ने बीजेपी के लिए वोट नहीं किया। उन्होंने ऐसी पार्टियों को वोट दिया जो बीजेपी को हरा सके। चुनाव के दौरान अल्पसंख्यकों ने यह तय कर लिया था कि किसे हराना है। महाराष्ट्र में मुस्लिमों की वजह से सियासी बदलाव आया है।’

एनसीपी प्रमुख के इस बयान पर ट्विटर पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने कहा ‘ये शरद पवार की तरफ से मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा हैं, शरद पवार के इस बयान के गंभीर मायने हैं! कोई पूछे कि ये कांग्रेस से अलग क्यूं हुआ? जब कि दोनों मुसलमानों की पार्टी हैं! कांग्रेस नें शिवसेना को भी मुसलमानों की पार्टी बना दिया!’

एक यूजर ने कहा ‘कांग्रेस, एनसीपी, सपा, बसपा, टीएमसी सब सेकुलरिज्म की बात करते हुए वोटों के लिए करेंगे मुस्लिम तुष्टिकरण लेकिन कम्युनल भाजपा है क्योंकि वह सबका साथ, सबका विकास की बात करती है। पता नहीं हिंदुओ को यह बात कब समझ में आएगी।’ एक यूजर कहते हैं ‘हां तभी आपको 55 सीटों पर ही जीत हासिल हुई जबकि बीजेपी को 105 सीटों पर।’

एक यूजर ने कहा ‘बीजेपी अगर सब सीट पर चुनाव लडती तो, 160 तक सीटें मिलतीं, बीजेपी ने सबसे बड़ी गलती की शिवसेना के साथ लड़कर, बीजेपी अगर शिवसेना की बात मान लेती तो बीजेपी की सरकार होती, बीजेपी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करती हैं, मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देगें यह कोनसी नयी बात है, सब को पता है।’