देश की राजधानी दिल्ली से सटी सीमाओं पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इस दौरान विपक्षी पार्टियों के कई नेता पिछले कुछ दिनों में किसान नेताओं से मिलने पहुंचे हैं। इसे लेकर टीवी न्यूज़ चैनल “इंडिया टुडे” पर बहस हो रही थी। इस दौरान एंकर राहुल कंवल ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा से एक सवाल पूछा। जिसके जवाब में खेड़ा ने मोदी सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा “पकड़ना था दीप को, पकड़ लिया मनदीप को।”
राहुल ने पूछा “क्या यह आंदोलन अब एंटी-मोदी आंदोलन बन गया है। यहां कांग्रेस, शिवसेना और अन्य विपक्षी दल किसानों के साथ खड़े नज़र आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार है। जो पार्लियामेंट में हो रहा है अब वह बार्डर पर भी हो रहा है। क्या यह आंदोलन राजनीतिक हो रहा है?” इसपर पवन खेड़ा ने कहा “नरेंद्र मोदी की जगह सुधांशु त्रिवेदी भी अगर पीएम होते तो भी आंदोलन सरकार के खिलाफ ही होता। चाहे वह जेएनयू के छात्र हो, किसान हो या सीएए विरोधी आंदोलन हो सब सत्ता में बैठे लोगों के खिलाफ ही होता है।”
खेड़ा ने कहा “जो भी पीएम के पद पर बैठेगा चाहे वह मोदी हो या सुधांशु त्रिवेदी सवाल उससी से पूछे जाएंगे। मोदी इतने बड़े छुईमुई क्यों हैं कि उनके खिलाफ आंदोलन नहीं हो सकता। लोग कहते हैं अरे ये लोग मोदीजी के खिलाफ हो गए…. अरे क्यों नहीं होंगे। वोट मांगने भी तो तुम ही आए थे हर-हर मोदी, घर-घर मोदी। तो अब अगर गलत फैसले करेंगे तो आंदोलन भी उन्हीं के खिलाफ होगा।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा “पकड़ना था दीप को, पकड़ लिया मनदीप को, ये तो इनकी सरकार है। राजदीप भी खतरे में है। जिसके नाम के आगे दीप लगता है वो खतरे में है। मनदीप, राजदीप सब को पकड़ लेंगे, लेकिन दीप सिद्धू को नहीं पकड़ेंगे। क्योंकि सरकार इनकी सब इनका दादागिरी इनकी। बोलते हैं किसान अकड़ में हैं ईगो है। तो क्या सिर्फ मोदी के पास ईगो रहेगा।”
बता दें गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत से मिलने मंगलवार दोपहर शिवसेना के नेता मुंबई से यहां पहुंचे। पार्टी सांसद अरविंद सावंत और संजय राउत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हमारा नारा है, ‘कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं।”
टिकैत ने कहा, “हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी।” विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात के सवाल पर टिकैत ने कहा, “अगर हमारे समर्थन में विपक्ष आ रहा है तो कोई समस्या नहीं, लेकिन उसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते।”
26 जनवरी को हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि “नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई।”