पोखरण परमाणु परीक्षण का पूरा श्रेय भले ही आमतौर पर तब की NDA सरकार को आज भी दिया जाता हो, मगर असल में देश को यह बड़ी उपलब्धि दिलाने वाला कोई और ही था। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की तत्कालीन सरकार के दौरान इसकी पृष्ठभूमि गढ़ी गई थी। यह बात इसलिए भी और पुख्ता होती है, क्योंकि एक बार खुद पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी नेता अटल बिहारी वाजपेयी (दिवंगत) ने इस बारे में खुलासा किया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि पोखरण परीक्षण का क्रेडिट नरसिम्हा राव को जाता है। आज 28 जून को पूर्व पीएम नरसिम्हा राव की जयंती है। पढ़िए, यह पूरा रोचक किस्साः
बात 26 दिसंबर 2004 की है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक कार्यक्रम था। साहित्यिक संस्था के शताब्दी समारोह का समापन का मौका था। अटल बिहारी वाजपेयी भी इस प्रोग्राम में शरीक हुए थे। दो शब्द कहने की बारी आई, तो पोखरण का जिक्र कर वह बोले- लोग एटम के लिए श्रेय मुझको देते हैं, लेकिन इसका क्रेडिट तो नरसिम्हा राव जी को है।
पूर्व पीएम (अटल) ने कई सालों तक इस बात को राज रखा था, जबकि कार्यक्रम में इसे दबा कर रखने की वजह भी स्पष्ट की। उन्होंने बताया, “आज नरसिम्हा राव जी नहीं है, लिहाजा मैं इस बात का रहस्योद्घाटन कर रहा हूं। वह अगर जिंदा होता, तो मैं इस बात का खुलासा नहीं करता। वजह- उन्होंने मुझे खुद ऐसा करने से रोका था।” वाजपेयी यह कहते भी जज्बाती हो गए थे।
सोशल मीडिया पर किस्से का जिक्र कर लोगों ने किया नमनः नरसिम्हा राव की जयंती पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस किस्से का जिक्र किया। टि्वटर पर @AbhinavABP नाम के हैंडल से कहा गया, “न नरसिम्हा राव रहे। न ही अटल और न ही वह सियासत।” @vinaymsai ने कहा- काश आज के राजनीतिक दलों/मीडिया प्रभारी में यह राजनीतिक इच्छाशक्ति होती? आज की राजनीति व सियासत केवल एक-दूसरे को नीचा दिखाने और मौकापरस्ती का हो गई है।
@Tanraj58 ने लिखा- यही आज के और पुराने नेताओं में अंतर है। पुराने नेता अपनी पीठ थप थापा कर श्रेय नहीं लेते थे और राजनीतिक मतभेद को अलग रखते हैं। अटल जी की महानता थी जो आज भाजपा में नहीं है। राजीव गांधी को याद करते थे, जब उन्हें इलाज के लिए अमेरिका भारत का UN में नेतृत्व करते हुए भेज दिया था।
11 मई को तब दुनिया को भारत ने दिखा दी थी ‘क्षमता’: राजस्थान के पोखरण में साल 1998 में परमाणु शक्ति परीक्षण किया गया था। भारत इसके बाद न्यूक्लियर संपन्न देशों की सूची में शुमार हो गया था। दरअसल, 11 मई को देश में भारत ने अमेरिका के चार जासूसी सैटेलाइट को चकमा देकर पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। साथ ही विश्व को बता दिया था कि हिंदुस्तान न केवल परमाणु शक्ति संपन्न देश है, बल्कि चतुराई रखने वाला देश भी है। भारत के इतिहास में यह घटनाक्रम बहुत बड़ी सफलता के तौर पर देखा जाता है। 11 मई को देश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भी मनाया जाता है।