पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इमरान सरकार के जुल्मों की बात अब खुलकर बाहर आने लगी है। पाकिस्तान की ओर से गिलगित-बाल्टिस्तान को स्थायी प्रांत का दर्जा दिए जाने से पहले ही पीओके के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने यह मामला अब संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया है। सज्जाद राजा ने यूएन से पीओके में रहने वाले लोगों के नागरिक और संवैधानिक अधिकार दिलाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान सरकार क्षेत्र के लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करती है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNSC) के 45वें सत्र में जब जम्मू-कश्मीर गिलगित-बाल्टिस्तान (JKGBL) की नेशनल इक्वैलिटी पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद राजा ने कहा, “हम पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले लोग परिषद से मिन्नत करते हैं कि वे पाकिस्तान को हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार करने से रोके। पाकिस्तान का नया पीओके इलेक्शन एक्ट-2020 ने हमारे सारे संवैधानिक, नागरिक और राजनीतिक अधिकार ले लिए हैं। पाकिस्तान में सम्मिलित होने के खिलाफ की जा रही हमारी मांगों को देशविरोधी करार दे दिया गया है, जो कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ है।”

पीओके में रहने वाले लोगों का दर्द बताते हुए एक समय तो सज्जाद की आंखों से आंसू गिरने लगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने उस घर की रक्षा करने के लिए ही गद्दार करार दे दिया जाता है। हमारे राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अवैध करार देने वाले कानून के जरिए सरकार ने पाकिस्तानी सेना को हमारे लोगों के अपहरण करने और हत्या की खुली छूट दे दी है।

प्रोफेसर राजा ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार जम्मू-कश्मीर के दोनों तरफ युवाओं का ब्रेनवॉश करने में जुटी है और उन्हें भारत के खिलाफ छद्म युद्ध में चारा बना रही है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अब भी पीओके से ही आतंक के अड्डे चला रहा है।