करीब साढ़े तेरह हजार करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई ने मुंबई से पीएनबी के 8 अधिकारियों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीबीआई ने इन लोगों को बैंक घोटाला मामले में जालसाजी पूर्वक वचनपत्र (लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों को 21 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है। बता दें कि हाल में घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी को रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। सीबीआई द्वारा अपील किए जाने पर इंटरपोल ने चौकसी के खिलाफ यह नोटिस जारी किया था। मेहुल चौकसी के भतीजे और इस मामले आरोपी हीरा व्यापारी नीरव मोदी के खिलाफ भी सीबीआई ने शिकंजा कसते हुए इंटरपोल से रेड-कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी। चौकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है और वहीं रह रहा है, जबकि नीरव मोदी देश से फरार होकर लंदन में टिका है।
भारत दोनों हाई प्रोफाइल आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए दोनों देशों से आग्रह कर चुका है। बता दें कि हजारों करोड़ का घोटाला उजागर होते ही चाचा भतीजे देश से फरार हो गए थे और तब से जांच एजेंसियों के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। रेड-कॉर्नर नोटिस को मेहुल चौकसी राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता चुका है और इंटरपोल से इस नोटिस को जारी न करने की गुहार लगा चुका है। कानूनी शिकंजे से बचने के लिए मेहुल चौकसी हर तरह का दांव-पेच आजमा रहा है। प्रत्यर्पण को लेकर उसने कहा था कि भारत की जेल बेहद घटिया हैं और वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है।
Mumbai: CBI arrests 10 people including 8 PNB officials for fraudulently issuing Letters of undertaking in a bank fraud case. They have been sent to police custody till 21st December.
— ANI (@ANI) December 19, 2018
वहीं, बीते दिनों ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) ने नीरव मोदी को सात हजार करोड़ से ज्यादा बकाए की वसूली के लिए नोटिस भेजा था। पीएनबी ने यह धनराशि वसूलने के लिए जुलाई में डीआरटी से गुहार लगाई थी। डीआरटी ने नीरव मोदी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 15 जनवरी 2019 तक का समय दिया है। अगर इस अवधि में जवाब नहीं मिलता है तो पीएनबी की याचिका पर एक तरफा फैसला किया जाएगा।