प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक ट्वीट की सोशल मीडिया में कड़ी आलोचना हो रही है। ट्वीट में कौमा नहीं लगाया गया था, जिससे वाक्य का अर्थ ही बदल गया। इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यसभा में दिए गए भाषण का उल्लेख किया गया था। इसमें पीएम मोदी ने कहा था, ‘आइए हमलोग एक साथ मिलकर गरीबों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए काम करें।’ लेकिन, पीएमओ के ट्वीट में पूअर और क्वालिटी के बीच कौमा नहीं दिया गया था। प्रधानमंत्री को फॉलो करने वाले लोगों ने तुरंत इसकी आलोचना करनी शुरू कर दी। अर्जुन ने ट्वीट किया, ‘आखिरकार आपने सच्चाई बोलने की हिम्मत जुटा ली…इस बात को मानने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद की आपके शासनकाल में स्वास्थ्य की गुणवत्ता भी खराब है।’ नरेंद्र ने लिखा, ‘आइए हमलोग मिलकर यह शपथ लें कि भविष्य में भाजपा को वोट नहीं डालेंगे क्योंकि पीएमओ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह (पीएम मोदी) खराब स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।’ अब्दुर्रहमान सूफी ने ट्वीट किया, ‘यह ट्वीट जिसने भी लिखा है, उसे तत्काल हटा देना चाहिए। दुनिया का कोई भी प्रधानमंत्री अपने घोषणापत्र में ऐसी घोषणा नहीं करता होगा।’
Let us work together in providing the poor quality and affordable healthcare: PM @narendramodi https://t.co/1qKFcSzd6v
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2018
Poor quality and affordable healthcare?! Not surprising at all. #PakodaEffect #PakodaGormint
— Benlita Pinto (@BenlitaPinto) February 7, 2018
Health care and Education and Food are the basic things that every Indian should get Sir… then india is considered rich if these 3 things are provided to each and every Indian citizen sir
— sunillduttms (@sunillduttms1) February 7, 2018
This is what happens when things become TOP (POT) priority
— Safwan (@SafwanINC) February 8, 2018
Contact first aid they will help congress is busy helping farmers jobless youths n spreading love n curtailing hatered @CNNnews18 @mdaleembasha @INCIndia @AdibaDare
— Idris Ahmad (@IdrisAhmadS) February 7, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (7 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। इसमें उन्होंने गरीबों के लिए अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का उल्लेख किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को पेश बजट में गरीब परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। केंद्र सरकार इसके जरिये गरीबों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना चाहता है। शुरुआत में इससे तकरीबन 10 करोड़ लोग इससे लाभान्वित होंगे।