ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर को मनी लांड्रिंग के मामले में ज़मानत मिल गई है। चंदा कोचर को 5 लाख रुपये के बांड और बिना अनुमति विदेश यात्रा न करने की शर्त पर ज़मानत मिली है। चंदा कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत से लोन देने के एवज में घूस लेने का आरोप है।
चंदा कोचर ने स्पेशल जज एए नांदगांवकर की कोर्ट में अपने वकील विजय अग्रवाल के माध्यम से जमानत याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने जमानत याचिका पर ईडी से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। ध्यान रहे कि कोचर, धूत और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने सितंबर 2020 में चंदा कोचर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सितंबर 2020 में ही उनके पति दीपक कोचर को भी हिरासत में लिया गया था।
#NewsUpdate | PMLA court grants bail on a bond of Rs 5 lakh for Ex CEO of ICCI bank Chanda Kochhar. Bail granted with travel restrictions. pic.twitter.com/lcAnDtwCIv
— TIMES NOW (@TimesNow) February 12, 2021
ईडी का कहना है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली आईसीआईसीआई बैंक की एक समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया था। उसके बाद 8 सितंबर 2009 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने 64 करोड़ रुपये न्यूपॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को हस्तांतरित किए। एनआरपीएल के मालिक दीपक कोचर ही हैं।
इससे पहले की गई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि मामले में जुटाए गए साक्ष्यों को देखकर लगता है कि चंदा कोचर ने अपने पद का अनुचित इस्तेमाल किया है। अदालत का कहना था कि उन्होंने अपने पति के जरिए वेणुगोपाल धूत से लाभ उठाया। इससे बैंक की साख को भी धक्का लगा। कोर्ट ने कहा कि ज़मानत मिलने के बाद भी कोचर को ईडी से पूछताछ में सहयोग करना होगा। अगर जांच एजेंसी उनसे मामले को लेकर कोई सवाल करना चाहे तो उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना होगा। कोचर के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, कोर्ट को आश्वस्त किया गया है कि उनकी मुवक्किल ऐसा कोई काम नहीं करेंगी जिससे जमानत की शर्तों का उल्लंघन हो।