PMJAY Scheme Fraud Case: नवंबर की शुरुआत में अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल मे कथित तौर पर गैरजरूरी एंजियोप्लास्टी की गई थी, जिसके चलते पीएम जन आरोग्य योजना के तहत इलाज कराने वाले दो मरीजों की मौत हो गई। ध्यान देने की बात यह है कि पिछले एक साल में केंद्र की इस योजना के गुजरात में दुरुपयोग के ऐसे कई मामले में सामने आए हैं। इसके चलते करीब 7 अस्पतालों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।

बताया जा रहा है कि केंद्र की इस योजना के तहत धोखाधड़ी का यह मामला अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल का था। इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा ख्याति अस्पताल के मालिकों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसकी वजह यह है कि अस्पताल में बेवजह सर्जरी की गईं थीं और इसके बावजूद मरीजों की मौत हो गई। दावा है कि यह सारा खेल केवल इसलिए किया गया है कि PMJAY-MA के तहत अवैध तरीके से वित्तीय लाभ लिया जा सके।

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राज्य सरकार ने लगाया है 20 करोड़ का जुर्माना

बता दें कि गुजरात में पीएमजेएवाई योजना के तहत कथित धोखाधड़ी का यह मामला पहला नहीं है, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव धनंजय द्विवेदी ने बताया था कि पिछले साल SFU ने 95 अस्पतालों का निरीक्षण किया। इनमें से कई अस्पतालों में अनियमितताएं पाई गईं थीं, जिसके चलते उन करीब 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। इस दौरान अस्पतालों ने योजना के 1024 लाभार्थियों से 44 रुपये की राशि वसूली थी, जिसे लोगों को वापस करवाया गया।

सात अस्पतालों को किया गया निलंबित

राज्य सरकार ने करीब 95 अस्पतालों का निरीक्षण किया था लेकिन इनमें से सात में इतनी ज्यादा अनियमितताएं थीं कि उन्हें योजना से ही निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं इनसे तगड़ा जुर्माना भी वसूला गया। ख्याति अस्पताल के केस की बात करें तो इसे 13 नवंबर को मोदी सरकार की स्कीम से निलंबित करके ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया था।

केंद्र की स्कीम लागू न होने पर पीएम मोदी ने मांगी माफी

आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर्स ने एक गांव के सात मरीजों की बेवजह एंजियोप्लास्टी कर डाली। ख्याति अस्पताल के विजिटिंग कार्डियोलॉज्सिट डॉक्टर प्रशांत वजीरानी पर आरोप है कि उन्होंने इस योजना से अवैध लाभ कमान के लिए सर्जरी की।

कई अन्य अस्पतालों के खिलाफ भी हुआ एक्शन

अहमदाबाद स्थित नरीत्व महिला मेडिकल स्टूडियो को 25 अक्टूबर को पीएमजेएवाई से निलंबित कर दिया गया था और उस पर 1.22 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। राजकोट में बेबीकेयर चिल्ड्रन हॉस्पिटल का स्वामित्व और संचालन बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हिरेन मशरू के पास है।

मुखबिरों से मिली जानकारी के मुताबिक SAFU और PMJAY के तहत भुगतान के लिए अनुबंधित बीमा कंपनी के ऑडिटरों ने जांच की। जांच में पाया गया कि अस्पताल ने कथित तौर पर 18 बच्चों की पैथोलॉजिकल लैब रिपोर्ट में हेराफेरी की और 98 बच्चों की झूठी एक्स-रे रिपोर्ट अपलोड की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए।

कुछ इसी तरह मेसर्स बड़ौदा मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित दो अस्पताल से लेकर, ऊना के एवरेस्ट अस्पताल, अहमदाबाद के शिव अस्पताल और जूनागढ़ के समन्वय अस्पताल के खिलाफ, अनियमितता को लेकर एक्शन लिया गया है। केंद्र सरकार से जुड़ी इस स्कीम के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।