PM Modi Manipur Visit: मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के दो साल से भी ज़्यादा समय बाद अब खबरें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य का दौरा कर सकते है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री 13-14 सितंबर को असम और मिजोरम जाएंगे। इस दौरान ही वे मणिपुर भी जा सकते है। हालांकि, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

मणिपुर के एक जानकार सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री का राज्य दौरा जल्द ही होने वाला है। हम अभी सटीक तारीख नहीं बता सकते क्योंकि अंतिम घोषणा करने से पहले कई कारकों को ध्यान में रखना होगा लेकिन वह राज्य का दौरा कर रहे हैं। बता दें कि विपक्ष अक्सर पीएम मोदी पर मणिपुर न जाने को लेकर सवाल उठाता रहा है।

आज की बड़ी खबरें

मारे गए थे 250 से ज्यादा लोग

गौरतलब है कि मैतेई और कुकी लोगों के बीच शुरू हुए संघर्ष के बाद से विपक्ष मोदी सरकार को घेरता रहा है। इस संघर्ष में 250 से ज़्यादा लोग मारे गए और 57,000 से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए। इस साल 13 फ़रवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और अपेक्षाकृत सामान्य स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री के मिजोरम से इम्फाल जाने की संभावना है, जहां वे 13 सितंबर को एक रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी बैठक

आगामी दौरे का संकेत रविवार को मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक से मिला, जिसे “सितंबर 2025 में प्रस्तावित वीवीआईपी दौरे की तैयारी बैठक” बताया गया, जिसमें कई अधिकारी मौजूद थे। बैठक की कार्यवाही के अनुसार, पुलिस को दो स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया: इम्फाल स्थित कांगला किला, जो मणिपुर में सत्ता का पारंपरिक केंद्र है; और चुराचांदपुर स्थित शांति मैदान, यहां पर पुलिस को हर वक्त अलर्ट पर रहने को कगा गया है।

मराठा आरक्षण: ‘मराठवाड़ा के मराठाओं को दिया जाएगा कुनबी का दर्जा’, मनोज जरांगे बोले- हम जीत गए

इम्फाल में मैतेई बहुल मणिपुर घाटी में स्थित है, वहीं चुराचांदपुर कुकी बहुल जिला है और इसकी सीमा इसके पहाड़ी क्षेत्रों से लगती है। मणिपुर के डीजीपी ने “ड्यूटी की अनिवार्यता” का हवाला देते हुए एक नोटिस भेजा है और निर्देश दिया है कि अत्यधिक आपात स्थिति को छोड़कर 7 से 14 सितंबर के बीच किसी भी अधिकारी को कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी।

क्या रही कुकी समुदाय के नेता की प्रतिक्रिया

राज्य में प्रधानमंत्री के संभावित दौरे को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कई लोग इसे “बहुत देर से” आने वाला बता रहे हैं, लेकिन कुकी ज़ो काउंसिल के प्रवक्ता गिंजा वुअलज़ोंग ने उम्मीद जताई कि मोदी समुदाय के प्रतिनिधियों और नेताओं से मिलेंगे। मणिपुर की भाजपा सरकार के दौरान हिंसा हुई थी उसे मैतेई समर्थक के तौर पर देखा जाता रहा है।

वुअलज़ोंग ने कहा कि अगर वह हमारी मुश्किलें समझने और हमारे मुद्दों का समाधान करने के लिए मणिपुर आ रहे हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा। हम उम्मीद करते हैं कि वह हमारे नेताओं के साथ बैठकर हमारी स्थिति और मांगों को समझेंगे। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे और देखेंगे कि हमारे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पीएम मोदी की मां को गाली देने को लेकर NDA का बिहार बंद का ऐलान, महिलाएं संभालेंगी मोर्चा

राष्ट्रपति शासन हटाने की हो रही मांग

इम्फाल स्थित कोकोमी के सलाहकार जीतेन्द्र निंगोम्बा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी की यात्रा समाधान या शांति की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम लाएगी। हाल के महीनों में, एनडीए विधायकों के बीच मणिपुर में राष्ट्रपति शासन समाप्त करने और एक लोकप्रिय सरकार की बहाली की मांग बढ़ती जा रही है। इसकी मांग करने वाले नेताओं में पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके करीबी विधायक, साथ ही मैतेई नेता के कट्टर विरोधी भी शामिल हैं जो राज्य में संकट के लिए उन्हें ज़िम्मेदार मानते हैं।

ऐसी धारणा है कि मोदी सरकार ने सामान्य स्थिति लाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं, जिसमें इस वर्ष फरवरी तक बिरेन सिंह को पद पर बनाए रखना भी शामिल है जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति शासन का मार्ग प्रशस्त कर दिया। लोकप्रिय सरकार की बहाली की मांग कर रहे विधायकों में से एक ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री इस संबंध में घोषणा करेंगे और हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए पुनर्वास पैकेज का भी अनावरण करेंगे।

राष्ट्रपति शासन हटाने की हो रही है मांग

बीरेन के करीबी माने जाने वाले भाजपा विधायक बिस्वजीत सिंह थोंगम ने दावा किया कि केंद्र प्राथमिकता के आधार पर शांति बहाली की दिशा में काम कर रहा है। थोंगम ने कहा कि राज्यपाल कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्री दोनों ही राज्य में शांति लाने के प्रयास कर रहे हैं। लोगों को इसकी सराहना करनी चाहिए और हमें इसका समर्थन करना चाहिए। केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी अभी तय नहीं हुई है, लेकिन मोदी के मैतेई बहुल घाटी और कुकी बहुल पहाड़ियों, दोनों का दौरा करने की संभावना है।

एएआई के सीनियर मैनेजर ने 232 करोड़ रुपये हड़पे, सीबीआई ने किया गिरफ्तार

अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री दोनों जगहों पर जनसभाओं को संबोधित करने के साथ-साथ दोनों तरफ के शरणार्थी शिविरों का भी दौरा कर सकते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि वह दोनों तरफ के नागरिक समाज समूहों से भी मिलेंगे या नहीं।

पीएम मोदी के दौरै के लिए अधिकारियों ने बताय सही समय

सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के दौरे की योजना लगभग एक साल से चल रही थी और कई बार व्यापक इंतजाम करने के बाद भी इसे टालना पड़ा। कुछ महीने पहले, मणिपुर प्रशासन ने कथित तौर पर मोदी के दौरे के लिए विशेष हेलीपैड भी तैयार किए थे। मणिपुर में राजनीतिक समुदाय और प्रशासनिक व्यवस्था दोनों ही एक वर्ष से अधिक समय से दिल्ली को संकेत दे रहे हैं कि प्रधानमंत्री का दौरा राज्य के घावों पर मरहम का काम कर सकता है और नागरिक समाज समूहों और आम जनता के बीच यह विश्वास पैदा कर सकता है कि दिल्ली राज्य में शांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही मिज़ोरम और असम का दौरा कर चुके हैं, इसलिए मणिपुर को भी शामिल करना उचित होगा। यह दौरा करने का सही समय भी है। हिंसा में काफ़ी कमी आई है, महीनों से शांति है, राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद प्रशासन अब पूरी तरह से नियंत्रण में है, और विरोधी समूह दिल्ली के साथ सार्थक बातचीत कर रहे हैं। इस ज़्यादा अनुकूल माहौल में प्रधानमंत्री का दौरा सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

जगदीप धनखड़ को विदा करने पहुंचे दो दर्जन वकील, कल उपराष्ट्रपति निवास में था आखिरी दिन