प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार यानी 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी सेला सुरंग (Sela Tunnel) का उद्घाटन करेंगे। इस टनल से चीन सीमा से लगे तवांग तक कनेक्टिविटी मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी कामेंग जिले के बैसाखी में आयोजित कार्यक्रम में यह सुरंग राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी करीब 20 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इस परियोजना की नींव प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी 2019 में 697 करोड़ की लागत से रखी थी। हालांकि कोविड के कारण देरी हुई।
जानिए सेला टनल प्रोजेक्ट के बारे में
- सेला टनल के निर्माण की घोषणा केंद्र सरकार ने 2018 में की थी।
- यह बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क का एक हिस्सा है, जो चीनी सीमा के पास प्रमुख परियोजनाओं में से एक है।
- सेला टनल अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित है।
- सेला टनल परियोजना सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाया गया है।
- सेला टनल दुनिया की 13,000 फीट से ऊंची सबसे लंबी ट्विन-लेन सुरंग होगी।
- सेला टनल परियोजना में दो सुरंगें और एक लिंक रोड शामिल है।
- सुरंग 1980 मीटर लंबी है
- सुरंग 2, 1555 मीटर लंबी है।
- सुरंग-2 में ट्रैफिक के लिए एक बाइ-लेन ट्यूब और आपात स्थिति के लिए एक एस्केप ट्यूब है।
- दोनों सुरंगों के बीच लिंक रोड 1,200 मीटर होगी।
- टनल, एप्रोच रोड और लिंक रोड सहित परियोजना की कुल लंबाई लगभग 12 किमी होगी।
- दोनों टनल सेला के पश्चिम में दो चोटियों से होकर आ रही हैं।
सेला टनल से क्या होगा फायदा?
- सेला टनल के कारण तेजपुर से तवांग तक यात्रा का समय कम से कम एक घंटा कम हो जाएगा और साथ ही हर मौसम में कनेक्टिविटी भी मिलेगी।
- फिलहाल, सर्दियों और भारी बर्फबारी के कारण सेला पास सर्दियों के महीनों के लिए बंद रहता है।
- सेला टनल सैन्य और नागरिक दोनों वाहनों के लिए लोजिस्टिक्स को भेजने में मदद करेगा।
- अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और तवांग सेक्टर के आगे के इलाकों में हथियारों और सैनिकों की तेजी से तैनाती की जा सकेगी।
- सुरंग तैयार होने के बाद साल के सभी 12 महीने सड़क खुली रहेगी।
- तवांग की स्थानीय आबादी अब मुख्य भूमि से नहीं कटेगी।