प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। मोदी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, भारत को इस बारे में सोचना चाहिए कि वह दुनिया के सामने मौजूदा चुनौतियों से निपटने में किस तरह अहम भूमिका निभा सकता है।

मोदी ने कहा, “इस वक्त दुनिया कई चुनौतियों से गुजर रही है। ऐसे में भारत को यह समझने की जरूरत है कि आनेवाले समय में वह किस तरह से इन चुनौतियों से निपटने में योगदान कर सकता है।

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां वह 15वीं सदी के दलित कवि श्री रविदास के जयंती समारोह में शामिल हुए। रविदास जयंती के मौके पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी सोमवार को बनारस पहुंच रहे हैं। वहीं, सपा भी प्रदेश में विभिन्‍न कार्यक्रमों के जरिए दलितों को लुभाने का प्रयास कर रही है, लेकिन खुद को दलितों का मसीहा बताने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से ऐसी कोई कोशिश नहीं जा रही है।

कोलकाता में गौडिया मठ के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी वाराणसी पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव एवं बीजेपी के कई नेताओं ने उनकी अगुआई की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार सुबह रविदास मंदिर का दौरा किया। इस आध्यात्मिक मंदिर का दलितों के दिल में विशेष स्थान है। नरेंद्र मोदी ने रविदास मंदिर में लंगर ग्रहण किया और फिर बीएचयू के लिए रवाना हो गए। इस बीच बीएचयू गेट पर कुछ छात्रों ने प्रधानमंत्री का विरोध किया। इन्‍हें तुरंत पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इनके पास से कुछ पोस्टर भी बरामद हुए हैं।

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बीएचयू के लिए निकलने से पहले संत रविदास मंदिर में दर्शन-पूजन किया, संत रविदास की मूर्ति पर माला अर्पित की, मत्था टेका, परिक्रमा की और प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर प्रबंधन ने पीएम को स्मृति चिह्न और रविदास मंदिर का बड़ा चित्र भेंट किया। इस दौरान पीएम ने कुछ लोगों से भेंट भी की। उत्तर प्रदेश के इस शहर में श्री रविदास की जयंती काफी हर्षोल्‍लास के साथ मनाई जाती है, जिसमें पंजाब से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिरकत करते हैं।