देश के पहले आर्थिक भगोड़े और शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बैंकों को उसके ऑफर मंजूर करने का आदेश दें और कर्ज वसूली का श्रेय लें। गुरुवार (14 फरवरी, 2019) को कुछ सिलसिलेवार ट्वीट्स में उसने बैंकों का तकरीबन साढ़े नौ हजार करोड़ रुपए का बकाया चुकाने की बात दोहराई। माल्या की प्रतिक्रिया लोकसभा के आखिरी दिन पीएम के भाषण पर आई है, जिसमें मोदी ने आर्थिक अपराध कर देश से भागने वालों का जिक्र छेड़ा था।

माल्या ने उसी पर ट्वीट किया, “संसद में पीएम के भाषण ने मेरा ध्यान खींचा। वह अच्छे वक्ता हैं। मुझे याद है कि उन्होंने बिना नाम लिए एक ऐसे शख्स का जिक्र किया, जो नौ हजार करोड़ लेकर देश से ‘भाग गया’। मीडिया में इस संबंध जो चीजें चल रही हैं, उससे मैं समझता हूं वह मेरी ही बात कर रहे थे।”

अगले ट्वीट में माल्या ने लिखा, “मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर पीएम बैंकों को मेरा ऑफर कबूलने का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं, जिससे वह कम से कम किंगफिशर को दिए जनता की रकम को वापस हासिल करने का पूरा श्रेय ले सकें।”

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पीएम मोदी ने लोकसभा के अंतिम दिन भाषण के दौरान देश से कर्ज लेकर विदेश भागे शख्स का जिक्र किया था, जिसके बाद विजय माल्या ने यह ट्वीट किए।

माल्या के मुताबिक, “मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष बैंकों का पैसा चुकाने का प्रस्ताव रखा था। उसे यूं ही खारिज नहीं किया जा सकता। मैं पूरी गंभीरता और ईमानदारी के साथ यह ऑफर दे रहा हूं। पता नहीं बैंक किंगफिशर एयरलाइन्स को दिया गया पैसा (कर्ज) वापस क्यों नहीं ले रहे?”

बैंकों के कर्ज को लेकर किए आखिर ट्वीट में माल्या ने लिखा- ‘मैंने अपनी संपत्तियां छिपाईं’। ईडी के इस दावे से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स पर मैंने कम ही बोलना ठीक समझा। अगर मैंने संपत्तियों से जुड़ी जानकारी छिपाई होती, तब फिर कोर्ट के सामने मेरी 14 हजार करोड़ की संपत्तियों का ब्यौरा कैसे आता? यह शर्मनाक और गुमराह करने वाला मत है, पर यह बिल्कुल भी चौंकाने वाला नहीं है।