पिछले हफ्ते संसद द्वारा पारित हुआ वक्फ (संशोधन) अधिनियम मंगलवार से लागू हो गया। भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की तरफ से एक  एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया, “वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने आठ अप्रैल, 2025 से उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू किए हैं।”

इस कानून पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी प्रतिक्रिया दी गई है। उन्होंने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम सामाजिक न्याय की दिशा में एक और ठोस कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2013 में वक्फ अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करना था। नया वक्फ कानून वक्फ की पवित्रता और मुस्लिम संप्रदाय के गरीबों, पिछड़ों एवं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगा।

नया कानून सुनिश्चित करेगा वक्फ की जमीन का इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए हो – सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को गुना में कहा कि नया वक्फ कानून संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और वक्फ भूमि का उपयोग लोगों के विकास के लिए सुनिश्चित करेगा।

पत्रकारों से बातचीत में सिंधिया ने कहा, “विपक्ष की सोच और विचारधारा वक्फ (बोर्ड) के मामलों को एकाधिकार से चलाने और चीजों (संपत्तियों) का दुरुपयोग करने की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा और सरकार ने उन्हें बेनकाब कर दिया है। अब वक्फ की जमीन का इस्तेमाल लोगों के विकास के लिए किया जाएगा और यही मुस्लिम समुदाय सहित पूरे समाज की विचारधारा है।”

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उन्होंने कहा, “वक्फ विधेयक ने उन लोगों के एकाधिकार को भी समाप्त कर दिया है जिनके निहित स्वार्थ हैं और जो मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए भी संपत्तियों का उपयोग नहीं करना चाहते हैं। अब इसका इस्तेमाल पूरी आजादी के साथ समुदाय के विकास और लोगों के कल्याण के लिए किया जाएगा।”

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