प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के मुख्य नेताओं से बातचीत के दौरान 2019 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए जीतने के कुछ नुस्खे बताए। मोदी और नेताओं के बीच यह मीटिंग एनडीएमसी हॉल में मंगलवार (23 अगस्त) को हुई। इसमें 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के सभी बड़े और ताकतवर नेता शामिल थे। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी वहां थे। मीटिंग में मोदी ने राय दी कि उन्हें दलितों और पिछड़े लोगों को आकर्षित करने के लिए काम करना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रवादी तो हमारे साथ हैं, हमें दलित और पिछड़ों को साथ लाना है।’ मोदी ने सभी लोगों को उनके विरोध में चल रही ‘लहर’ से चेतावनी दी और साथ ही उससे निपटने के रास्ते खोजने के लिए भी कहा।
लोगों में राष्ट्रवाद की भावना का प्रसार करने के लिए बीजेपी ने देशभर में ‘तिरंगा यात्रा’ भी निकलवाई थी। इस यात्रा के लिए भी पीएम मोदी की तरफ से ही कहा गया था। मीटिंग में मोदी ने महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, दीन दयाल उपाध्याय का नाम भी लिया। मोदी ने कहा कि उन्हें यह देखकर गर्व होता है कि तीन बड़े राजनीतिक विचारकों में से एक बीजेपी से थे। बीजेपी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने लगी है। इससे पहले पार्टी ने उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी की थी। वहीं अमित शाह ने कहा कि सरकार और पार्टी को मिलकर काम करना होगा। इसके लिए उन्होंने वक्त-वक्त पर मीटिंग और जरूरी बदलाव करने की भी सलाह दी
मीटिंग में शामिल कई दिग्गज नेताओं ने साफ किया कि 2019 में भी पार्टी का चेहरा नरेंद्र मोदी ही होंगे। एक नेता ने कहा, ‘हमारी दृष्टि साफ है कि देश को 30 सालों के लिए राष्ट्रवादी पार्टी चाहिए वर्ना देश कमजोर हो जाएगा।’

