प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक, वन पेंशन योजना को लागू करने को वचनबद्ध है। इस योजना से जुड़ी जटिलताओं को सुलझाने के लिए कुछ समय मांगा।
पूर्ववर्ती सरकारों पर इस मुद्दे पर पिछले 40 सालों से राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वन रैंक, वन पेंशन पेचीदा मुद्दा है। आपने इस विषय पर 40 सालों तक धैर्य रखा, मुझे इसे सुलझाने के लिए कुछ समय दें’। आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आप मुझ पर भरोसा रखिए, बाकी जिन्हें बातें उछालनी होंगी, विवाद करने होंगे, अपनी राजनीति करनी होगी, उन्हें मुबारक।
इस विषय पर विपक्ष खासकर कांग्रेस की आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए मोदी ने कहा कि मेरे लिए आपके जीवन के साथ जुड़ना, आपकी चिंता करना, यह न कोई सरकारी कार्यक्रम है, न ही कोई राजनीतिक कार्यक्रम है, यह मेरी राष्ट्रभक्ति का ही प्रकटीकरण है। मैं फिर एक बार मेरे देश के सभी सेना के जवानों से आग्रह करूंगा कि राजनीतिक रोटी सेंकने वाले लोग 40 साल तक आपके साथ खेल खेलते रहे हैं। मुझे वह मार्ग मंजूर नहीं है, और न ही मैं कोई ऐसा कदम उठाना चाहता हूं, जो समस्याओं को जटिल बना दे।
गरीबों के लिए अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पिछले महीने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा की तीन योजनाएं शुरू कीं। उन योजनाओं को अभी तो बीस दिन नहीं हुए हैं, लेकिन सिर्फ 20 दिन के अल्प समय में 8.52 करोड़ से अधिक लोगों ने इन योजनाओं में अपना नामांकन कराया।
उन्होंने हाल में शुरू कि ए गए किसान टीवी चैनल की चर्चा करते हुए कहा कि वैसे तो देश में टीवी चैनेलों की भरमार है। लेकिन मेरे लिए किसान चैनल अहम इसलिए है कि मैं इससे भविष्य को बहुत भलीभांति देख पाता हूं। मेरी दृष्टि में किसान चैनल एक खेत खलिहान वाली ओपन यूनिवर्सिटी है।
उन्होंने 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि कुछ छात्र अच्छे अंक से पास हुए होंगे, कुछ को कम अंक आए होंगे। कुछ विफल भी हुए होंगे। जो उत्तीर्ण हुए हैं उनके लिए मेरा सुझाव है कि आप उस मोड़ पर हैं जहां से आप अपने कॅरियर का रास्ता चुन रहे हैं। अब आपको तय करना है आगे का रास्ता कौन सा होगा। जो विफल हुए हैं, उनसे मैं यही कहूंगा कि जिंदगी में सफलता-विफलता स्वाभाविक है। जो विफलता को एक अवसर मानता है, वो सफलता का शिलान्यास भी करता है।
देशवासियों से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि विश्व ने जिसे स्वीकार किया है, जिसे सम्मानित किया है, विश्व को भारत ने जो दिया है, उस योग को हम सबके लिए गर्व का विषय बनना चाहिए। अभी तीन हफ्ते बाकी हैं। आप जरूर प्रयास करें साथ ही औरों को भी जोड़ें।
जवानों से मन की बात
वन रैंक, वन पेंशन पेचीदा मुद्दा है। आपने इस विषय पर 40 सालों तक धैर्य रखा, मुझे इसे सुलझाने के लिए कुछ समय दें। आप मुझ पर भरोसा रखिए, बाकी जिन्हें बातें उछालनी होंगी, विवाद करने होंगे, अपनी राजनीति करनी होगी, उन्हें मुबारक। -प्रधानमंत्री
आश्वासन नहीं तारीख बताएं प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री को अस्पष्ट आश्वासन देने के बजाए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) लागू करने की तारीख घोषित करनी चाहिए। मोदी ने मुद्दे की जटिलताओं के बारे में कुछ नहीं कहा न ही उन्होंने समयबद्ध प्रतिबद्धता जताई। यूपीए सरकार ने 2014 में इस फैसले को लागू कर दिया था और राजग सरकार को केवल इसका अनुपालन करना है जिसका दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वह पालन नहीं कर रही है। यह केवल 9100 करोड़ रुपए का मामला है। अगर मंगोलिया जैसे देश को एक अरब डॉलर दे सकते हैं तो फिर पूर्व सैनिकों को ओआरओपी से क्यों मना कर रहे हैं। वे या तो अनजान बन रहे हैं या केवल मीठी बातें कर अपने 25 लाख पूर्व सैनिकों को भटका रहे हैं।
–कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह