संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सोमवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था। इसके संदर्भ में पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि चर्चित शाहबानो मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के एक केन्द्रीय मंत्री कहा था कि ‘मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी कांग्रेस की नहीं है, यदि वह गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दें।’ पीएम मोदी के इस दावे पर कांग्रेस की तरफ से सवाल खड़े किए गए तो पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि वह इसका यूट्यूब लिंक भी भेज सकते हैं।
पीएम मोदी के संसद में दिए इस बयान के बाद भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने जिस इंटरव्यू में उक्त बात कही गई थी, उसकी वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दी। अमित मालवीय ने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता आरिफ मोहम्मद खान के इंटरव्यू की वीडियो फुटेज शेयर की, जिसमें वह यह स्वीकार करते दिखाई दे रहे हैं कि राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे नरसिम्हा राव ने मुसलमानों को लेकर उक्त बात कही थी। दरअसल साल 1986 के चर्चित शाहबानो केस में कांग्रेस के स्टैंड के विरोध में मोहम्मद आरिफ खान ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस पर कांग्रेस सरकार में केन्द्रीय मंत्री नरसिम्हा राव उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए समझाने पहुंचे थे।
मुसलमानों के नाम पर दिन रात आँसू बहाने वाली कांग्रेस की हक़ीक़त… pic.twitter.com/KY4b3CMjeT
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 25, 2019
मोहम्मद आरिफ खान के अनुसार, नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा था कि ‘ये (मुस्लिम) हमारे वोटर हैं, हम इन्हें क्यों नाराज करें। हम इनके सामाजिक सुधारक नहीं है। हम सरकार बनाने की राजनीति करते हैं। अगर ये गड्ढे में पड़ना रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो।’ इस बयान का जिक्र कर पीएम मोदी ने कांग्रेस से तीन तलाक के मुद्दे पर समर्थन मांगा और कहा कि मुस्लिम महिलाओं को सशक्त करने का मौका आया है और अब इसे बेकार ना जानें दें। बता दें कि तीन तलाक बिल मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में संसद में पास नहीं हो पाया था, क्योंकि कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में थीं।

