भारत ने हाल ही में अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को मार गिराने की दुर्लभ क्षमता हासिल की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्र के नाम दिए संदेश में भारत की इस उपलब्धि का ऐलान किया। कई राजनीतिक दलों का मानना है कि मोदी ने ऐसा करके चुनावों के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया। इस विषय में चुनाव आयोग से शिकायत भी की गई है। उधर, चुनाव आयोग के पूर्व आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि एक बार मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाने के बाद अगर कोई ऐसी घोषणा है, जिसे टालना मुनासिब नहीं तो ऐसी परिस्थिति में यह ऐलान किसी मंत्री को नहीं बल्कि किसी अधिकारी को करना चाहिए। कुरैशी के मुताबिक, ऐसा इसलिए करना चाहिए ताकि किसी तरह के राजनीतिक फायदे की गुंजाइश को खत्म किया जा सके।

एक अंग्रेजी अखबार के पैनल डिस्कशन के दौरान कुरैशी ने ये विचार रखे। दरअसल, द टेलिग्राफ ने कुरैशी से पूछा था कि अगर वह चुनाव आयुक्त होते तो पीएम नरेंद्र मोदी के एंटी सैटेलाइट मिशन को लेकर किए गए ऐलान के मामले में क्या कदम उठाते? इसके जवाब में कुरैशी ने कहा कि वह किसी खास मामले के बारे में बात नहीं करेंगे। कुरैशी ने कहा, ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान कोई नया ऐलान या स्कीम नहीं लाई जा सकती जिससे वोटर प्रभावित हों। अगर कोई प्रस्ताव आता है तो हम देखते हैं कि उसको घोषित करने के लिए इंतजार किया जा सकता है कि नहीं। अगर हां तो उन्हें इंतजार कराया जाता है। मानिए अगर इंतजार नहीं कर सकते तो और पूर्व निर्धारित है तो जनता को असुविधा न पहुंचाएं। कोई अफसर ऐसा कर सकता है, लेकिन कोई मंत्री नहीं ताकि राजनीतिक फायदे को बेअसर किया जा सके।’

कुरैशी ने आगे कहा, ‘अगर कोई महत्वपूर्ण ऐलान करना है, मेरी राय में…मैंने देखा है कि पीएमओ पूछता है कि क्या ऐसा किया जा सकता है, क्या कोई समस्या हो सकती है? क्योंकि कोई पीएम शर्मिंदगी नहीं उठाना चाहता…। किसी भी हालत में ये ऐलान (कामयाब मिशन) डीआरडीओ द्वारा किया जाता था।’ बता दें कि बाद में वर्तमान डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर संदीप सक्सेना ने बताया कि पीएम मोदी के भाषण के लिए चुनाव आयोग से कोई इजाजत नहीं ली गई थी।

Read here the latest Lok Sabha Election 2019 News, Live coverage and full election schedule for India General Election 2019