प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की है। उस मुलाकात के बाद उन्होंने एक जारी बयान में कहा है कि भारत ने हमेशा से ही पड़ोसी होने का दायित्व निभाया है। पीएम मोदी ने जोर देकर बोला है कि भारत के मालदीव के साथ रिश्ते सदियों पुराने हैं, दोनों एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र हैं। यह भी कहा गया है कि जो सहायता भारत अभी दे रहा है, वो आगे भी जारी रहने वाली है।
पीएम मोदी ने क्या बोला?
पीएम मोदी ने जारी बयान में कहा कि हमने रक्षा और सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। एकथा हार्बर प्रोजेक्ट पर काम तेजी से चल रहा है…इंडियन ओसियन रीजन में स्थिरता और समृद्धि के लिए हम मिलकर काम करेंगे। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में फाउंडिंग मेंबर के रूप में जुड़ने के लिए मालदीव का स्वागत है। हमारी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर विजन में मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है।
हमास का एक हमला और हमेशा के लिए बदल गई गाजा की तस्वीर और तकदीर
मुइज्जू ने क्या बोला?
वैसे पीएम मोदी ने तो कई मुद्दों का जिक्र किया ही, राष्ट्रपति मुइज्जू ने भी बड़ी बात कही। वे कहते हैं कि हम एक व्यापक विजन दस्तावेज पर सहमत हुए हैं, जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करेगा। व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन में विकास सहयोग, व्यापार और आर्थिक भागीदारी, डिजिटल और वित्तीय पहल, ऊर्जा परियोजनाएं, स्वास्थ्य सहयोग के साथ-साथ समुद्री और सुरक्षा सहयोग शामिल हैं।
मालदीव क्यों चाहता भारत से मदद?
अब जानकारी के लिए बता दें कि भारत पहले ही मालदीव को 1.4 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दे चुका है, वो सहायता वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और दूसरे विकास कार्यों के लिए थी। लेकिन अभी भी मालदीव पर संकट खत्म नहीं हुआ है, उसकी आर्थिक हालत पतल ही चल रही है, इस वजह से उसे और मदद की आस है।