Statue of Unity Inauguration: 562 बिखरी रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निमार्ण करने वाले देश के पहले गृहमंत्री और उपप्रधान मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और लगभग तय समय में इसके अनावरण ने केंद्र और गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत सरकार को इतराने का सुनहरा मौका भी दिया है लेकिन इससे कुछ ही दूरी पर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने सरकार विरोधी भाषण देने की तैयारी कर ली है। पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने को लेकर मशहूर हो चुके शत्रुघ्न सिन्हा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी होंगे। दरअसल, सरदार पटेल की जयंती के मौके पर पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के संयोजक हार्दिक पटेल ने ‘किसान सत्याग्रह’ करने की भी तैयारी की है। पाटीदार नेता ने ही शत्रुघ्न और यशवंत सिन्हा के सत्याग्रह में शामिल होने की जानकारी दी। पहले उनकी रैली को लेकर आशंकाओं के बादल मंडरा रह थे लेकिन मंगलवार (30 अक्टूबर) की शाम जूनागढ़ जिला प्रशासन ने हार्दिक पटेल को सत्याग्रह के लिए हरी झंडी दे दी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों के मुद्दे पर हो रहे इस सत्याग्रह में यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हो रहे हैं। जाहिर है केंद्र और प्रदेश सरकार के लिए खुशी के इस मौके पर शत्रुघ्न की बातें उनके मुंह का स्वाद किरकिरा कर सकती हैं। ये दोनों नेता बीते दिनों हार्दिक पटेल के आमरण अनशन के दौरान भी उनसे सहानुभूति दर्शाते और उनके समर्थन में आवाज बुलंद करते हुए देखे गए थे। बीजेपी और मोदी विरोधी रुख को लेकर हार्दिक पटेल हमेशा पार्टी के निशाने पर रहते हैं, वहीं शत्रुघ्न का उनके कार्यक्रम शामिल होना निश्चित तौर पर बीजेपी को अखरेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच नर्मदा नदी के टापू स्थित सरदार पटेल के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया है। इसी से कुछ दूरी पर हार्दिक पटेल का किसान सत्याग्रह जूनागढ़ जिले के वनथली कस्बे में होगा। सत्याग्रह का समय शाम 5 बजे से 8 बजे के बीच तय किया गया है। हार्दिक पटेल की पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की ओर से इंडियन एक्सप्रेस को बताया गया कि जूनागढ़, गिर सोमनाथ और राजकोट जिलों से किसान इस सत्याग्रह में शामिल हो रहे हैं।

समिति की मांग है कि पाटीदार और अन्य सामान्य जातियों के आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जाए, किसानों के ऋण माफ किए जाएं और अल्पेश कठेरिया को रिहा किया जाए। कठेरिया को हार्दिक पटेल का करीबी माना जाता है और उन्हें देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस सत्याग्रह को लेकर हार्दिक पटेल का कहना है कि वह सरदार पटेल के दिखाए रास्ते पर किसान सत्याग्रह कर रहे हैं ताकि किसानों को उनका हक मिल सके।