पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोलकाता में हो रही G20 एंटी-करप्शन वर्किंग ग्रुप की तीसरी और अंतिम बैठक को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत करप्शन के खिलाफ है और हमने इसे लेकर जीरो टॉलरेंस की सख्त नीति अपनाई है। अपने वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “भ्रष्टाचार का असर गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर सबसे ज्यादा पड़ता है, भ्रष्टाचार से लड़ना हमारे लोगों के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य है।”

क्या बोले पीएम मोदी? 

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने व्यवसायों के लिए कई रास्ते खोले हैं और इसके प्रोसेस को बहुत आसान बनाया है।  पीएम ने कहा,””मुझे खुशी है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अनौपचारिक सहयोग पर सहमति बन गई है क्योंकि इससे अपराधियों को कानूनी खामियों का फायदा उठाने से रोका जा सकेगा।”

‘अपराधियों से की बड़ी वसूली’

पीएम मोदी ने कहा, “हमारा सरकारी ई-मार्केटप्लेस या GeM पोर्टल सरकारी खरीद में ज़्यादा ट्रांसपेरेंसी लाया है। हमने 2018 में आर्थिक अपराधी अधिनियम बनाया, तब से हमने आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों से 1.8 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति बरामद की है। धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत, हमारी सरकार ने 2014 से अब तक अपराधियों से 12 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति जब्त की है।”

रवींद्रनाथ टैगोर का भी किया ज़िक्र

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने हमें लालच के प्रति आगाह किया था क्योंकि यह हमें सच्चाई का एहसास करने से रोकता है। पीएम मोदी ने कहा कि G-20 में हमारे सामूहिक प्रयास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

पीएम ने कहा,”भ्रष्टाचार संसाधनों के आवंटन को प्रभावित करता है, बाजारों को तोड़ कर रख देता है इसीलिए भारत ने इस ओर सख्त कदम उठाए हैं।

जी-20 भ्रष्टाचार निरोधी मंत्रिस्तरीय की अध्यक्षता केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की। बैठक में जी-20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 154 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।