प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित किया। कोरोना माहमारी के चलते इस साल यह बैठक ऑनलाइन हो रही है और दुनिया के सभी नेताओं ने वर्चुअल तरीके से आम सभा को संबोधित किया है। 75वीं संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि दुनिया 1945 में अलग थी, तब समस्याएं और उनके समाधान भी भिन्न थे। अब स्थितियां बदल गई हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन दिनों एक अहम सवाल का सामना कर रहा है कि क्या 1945 का संयुक्त राष्ट्र आज भी प्रासंगिक है?
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि यह आज के समय की जरूरत है। भारत के लोग इन बदलावों की लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाले देश को अब यूएन की फैसले लेने वाली प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘जब हम मजबूत थे तो हमने किसी को सताया नहीं और जब हम कमजोर थे तो हम किसी पर बोझ नहीं बने।’ संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत और भारत के सिद्धांत एक समान हैं। ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का शब्द संयुक्त राष्ट्र में कई बार सुना गया है। हम पूरे विश्व को परिवार मानते हैं।
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत अपने गांवों के 15 करोड़ घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाया। इसके देश के 6 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बात भी पीएम मोदी ने कही। साथ ही प्रधानमंत्री ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने को और आयुष्मान भारत योजना के लिए अपनी सरकार की पीठ थपथपाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज हमेशा शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए उठेगी। भारत की सांस्कृतिक धरोहर, संस्कार, हजारों वर्षों का अनुभव, हमेशा विकासशील देशों को ताकत देगा।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफोर्म के मंत्र के साथ करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़े बदलाव किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना माहमारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस मुश्किल समय में भी भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाईयां भेजीं हैं। पीएम ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश होने के नाते भारत पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के काम आएगा।