मई 2020 में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध शुरू होने के बाद से पहली व्यक्तिगत बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बाली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। दोनों की इस सार्वजनिक मीटिंग के आठ महीने बाद सरकार ने पहली बार गुरुवार को बताया कि दोनों नेताओं ने किस मुद्दे पर चर्चा की थी। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की जरूरत के बारे में बात की थी।
चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पिछले साल के अंत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी बाली में चीन-भारत संबंधों को स्थिर करने पर एक महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे। नवंबर 2022 में जबकि उनकी बातचीत पर कोई ठोस जानकारी नहीं थी तब शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में कैमरों द्वारा कैद की गई दोनों नेताओं की तस्वीर सामने आई थी। जिस पर भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा आयोजित जी 20 रात्रिभोज में भाग ले रहे थे। रात्रि भोज के समापन पर दोनों के बीच शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया गया।
PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच क्या हुई थी बात?
इस हफ्ते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ब्रिक्स एनएसए की बैठक के मौके पर दक्षिण अफ्रीका में शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की, जिसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने बाली शिखर सम्मेलन में शी और मोदी के बीच बातचीत का उल्लेख किया। वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में, LAC विवाद पर अजीत डोभाल ने वांग यी से कहा कि 2020 के बाद से एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को खत्म कर दिया है।
LAC पर शांति बहाल करने की कोशिश
गुरुवार को सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “इंडोनेशिया के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता पर बातचीत भी की।” उन्होंने कहा कि हमने दृढ़ता से कहा है कि इस पूरे मुद्दे के समाधान की कुंजी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर एलएसी पर स्थिति को ठीक करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करना है।