प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी नए साल 2019 से विदेशी दौरों से दूरी बनाएंगे। पीएम मोदी का यह फैसला आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया है। पीएम मोदी 2019 के शुरुआती चार महीने मुद्दों को ध्यान में रख सिर्फ चुनाव पर ध्यान देना चाहते हैं। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी आधिकारी ने नाम सामने न लाने की शर्त पर दी। उन्होंने बताया कि, अगले साल के शुरुआती चार महीनों में ऐसा कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं है, जिसमें पीएम मोदी की भागीदारी हो।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की अगुवाई करने वाले पीएम मोदी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। 11 दिसंबर को आए विधानसभा चुनाव परिणाम भी भाजपा के खिलाफ रहे। भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवा दी। वहीं, उपचुनावों में भी भाजपा को लगातार हार का ही सामना करना पड़ा। इस बड़ी वजह के चलते पीएम मोदी अपना ध्यान 2019 के लोकसभा चुनाव पर लगाना चाहते हैं। हालांकि पीएम मोदी 21 से 23 जनवरी तक मनाए जाने वाले प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन में शिरकत करेंगे। इसका आयोजन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा।
मुद्दों को आधार बनाकर कांग्रेस पर आक्रामक रहे पीएम मोदी की रैलियों के बावजूद भाजपा तीनों बड़े राज्य हार गई। यहां बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस सरकार में आ गई। चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के बावजूद भाजपा की हार पर चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी को किसानों और बेरोजगार युवाओं की नाराजगी ने सत्ता से बेदखल कर दिया। इसको ध्यान में रखते हुए अब जमीनी मुद्दों के सहारे पीएम मोदी 2019 में जनता के सामने आना चाहते हैं। जिसके लिए वह विदेशी दौरों पर नहीं जाएंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 14 विदेशी दौरे किए थे। प्रधानमंत्री की आधिकारिक साइट के अनुसार 2014 से अब तक मोदी 48 विदेशी दौरों पर जा चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि, हालांकि अब स्थानीय मुद्दों के सहारे मोदी फिर से जनता के बीच जाने के लिए विदेशी दौरोंं से दूरी बनाएंगे। मोदी के विदेशी दौरौं पर एक अन्य अधिकारी ने बताया कि, भूटान के प्रधानमंत्री लोताय शेरिंग 27 दिसंबर से 29 दिंसबर तक भारत की यात्रा पर आएंगे। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात होनी है। साथ ही वह पीएम मोदी को भूटान आने का भी निमंत्रण देंगे। भूटान के प्रधानमंत्री के यह पहला विदेशी दौरा होगा।

