PM Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के जापान दौरे पर हैं और जापान ने शुक्रवार को भारत में एक दशक में 10 ट्रिलियन येन (68 बिलियन डॉलर) के निजी निवेश करने की घोषणा की है। जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने अमेरिकी प्रशासन की व्यापार नीतियों द्वारा उत्पन्न अनिश्चितता की पृष्ठभूमि में प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण और दुर्लभ पृथ्वी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए 10 साल के रोडमैप पर भारत के साथ सहमति जताई है।
इसके अलावा भारत और जापान ने शुक्रवार को सुरक्षा सहयोग पर एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया और उन्नत तकनीकों पर विशेष ध्यान देते हुए एक आर्थिक सुरक्षा पहल की शुरुआत की है। ये घोषणाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के बीच टोक्यो में हुई मुलाकात के दौरान की गईं, जिन्हें दोनों ही देशों के मजबूत रिश्तों के उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका से तनातनी के बीच अहम समझौते
दोनों देशों ने अंतरिक्ष और रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के समझौतों के साथ-साथ भारत-जापान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पहल भी शुरू की। यह ताज़ा घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब ट्रंप प्रशासन द्वारा नई दिल्ली पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है , जिसमें से आधा टैरिफ मास्को से तेल खरीदने पर लगाया गया है।
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एआई और सेमीकंडक्टर सहयोग
जापान और भारत के बीच डिजिटल साझेदारी 2.0 और एआई सहयोग पहलों के कार्यान्वयन, अर्धचालकों और दुर्लभ पृथ्वी खनिजों को प्राथमिकता देने की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आर्थिक सुरक्षा सहयोग पहल शुरू कर रहे हैं। इसके तहत, हम महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्रों में एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग हम दोनों के लिए प्राथमिकता है। इस संदर्भ में, डिजिटल साझेदारी 2.0 और एआई सहयोग पहल की जा रही हैं। सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मृदा खनिज हमारे एजेंडे में शीर्ष पर बने रहेंगे।
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रक्षा सहयोग को लेकर हुई बातचीत
दोनों देशों ने रक्षा उद्योग और नवाचार में सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे साझा हित रक्षा और समुद्री सुरक्षा से जुड़े हैं। हमने रक्षा उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में आपसी सहयोग को और मज़बूत करने का फ़ैसला किया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि सुरक्षा सहयोग पर नया संयुक्त घोषणापत्र साझेदारी के इस क्षेत्र के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा प्रदान करता है।
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि यह दस्तावेज सुरक्षा की व्यापक अवधारणा को प्रतिबिंबित करता है, तथा कहा कि इस समझौते का एक प्रमुख तत्व भारत और जापान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच पहली बार संस्थागत वार्ता है।
