प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जुलाई से 26 जुलाई तक विदेश दौरे पर रहेंगे। सबसे पहले पीएम मोदी 23 जुलाई को ब्रिटेन का दौरा करेंगे तो वहीं 25 जुलाई को मालदीव का दौरा करेंगे। इस दौरान अहम समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। वहीं पीएम मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई सवालों के जवाब दिए। विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 23 जुलाई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं। पीएम मोदी किंग चार्ल्स III से भी मुलाकात करेंगे। इस बीच विक्रम मिस्री ने खालिस्तानी उग्रवादियों को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।

खालिस्तानी उग्रवादियों पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

यूनाइटेड किंगडम में खालिस्तानी उग्रवाद पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “खालिस्तानी उग्रवादियों और उनके करीबी लोगों की मौजूदगी का मुद्दा एक बार फिर ऐसा है जिसे हमने ब्रिटेन में अपने सहयोगियों के ध्यान में लाया है। हम ऐसा करते रहेंगे। यह न केवल हमारे लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह हमारे सहयोगियों के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि इसका असर अन्य देशों में भी सामाजिक सामंजस्य और सामाजिक व्यवस्था पर पड़ता है।”

भगोड़ों की खैर नहीं

भगोड़ों को लेकर पूछे गए सवाल पर विक्रम मिस्री ने कहा, “ब्रिटेन में भारतीय कानून और न्याय से भगोड़ों से संबंधित कुछ प्रश्न हैं। ये दोनों पक्षों के बीच चर्चा का विषय रहे हैं और हम इन भगोड़ों को भारत को सौंपने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। ज़ाहिर है ऐसे अनुरोधों और ऐसे मुद्दों पर दूसरे देश में एक कानूनी प्रक्रिया होती है और हम इन मामलों पर ब्रिटेन में अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।”

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव ने कहा कि हमारा द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 से 55 अरब डॉलर को पार कर गया है। बता दें कि ब्रिटेन भारत में छठा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है। ब्रिटेन ने भारत में 36 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।

वहीं भारत ने भी ब्रिटेन में 20 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। बता दें कि इसके पहले दोनों देश फ्री ट्रेड डील को लेकर सहमत हुए थे। 6 मई को इसको लेकर पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम के बीच में फोन पर बातचीत हुई थी।