महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 120वीं जयंती पर बुधवार को देशभर में अनेक नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर ‘एक्स’ पर लिखा, “बापू को जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। उनका जीवन सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित रहा है, जो हमेशा प्रेरणादायक रहेगा।” इसके बाद, उन्होंने राजघाट जाकर बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित किए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी क्रमशः राजघाट और विजय घाट पर श्रद्धांजलि दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भी शास्त्री जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राहुल गांधी, योगी आदित्यनाथ और दिल्ली की सीएम आतिशी ने भी दी श्रद्धांजलि
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी विजय घाट पर शास्त्री जी को श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। इसी दिन कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी शास्त्री जी को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा, “आज पूरा देश गांधी जी की जयंती मना रहा है और उनके योगदान के लिए हमेशा आभारी रहेगा।” उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छ भारत मिशन गांधी जी के स्वच्छता के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
ओडिशा के गवर्नर रघुबर दास, विधानसभा के अध्यक्ष सुरमा पाधी, मुख्यमंत्री मोहन चारन मज़ी और अन्य मंत्रियों ने भुवनेश्वर में ओडिशा विधानसभा परिसर में गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान के 10 साल पूरे होने पर बच्चों के साथ सफाई अभियान में भाग लिया और नागरिकों से इस पहल में सक्रियता से भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “गांधी जयंती के इस अवसर पर, मैं अपने युवा दोस्तों के साथ स्वच्छता अभियान का हिस्सा बना।”
भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने भी इस अभियान में भाग लिया, जिसमें स्वच्छता के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि स्वच्छ भारत मिशन गांधी जी के सपनों को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर देश ने उनके योगदान को याद किया और उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था, जबकि शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ। दोनों नेताओं की शिक्षाएं आज भी प्रेरणा देती हैं और उनके विचारों को आगे बढ़ाने का यह दिन एक महत्वपूर्ण अवसर है।