रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन दिनों भारत के दौरे पर आए हुए हैं। पुतिन के इस दौरे पर भारत और रुस के बीच कई अहम समझौते हुए हैं। इनमें सबसे खास सौदा 5 एअर डिफेंस सिस्टम S-400 का रहा। भारत ने अमेरिका के आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी को दरकिनार कर यह सौदा किया है। यही वजह है कि भारत और रुस के संबंधों के नजरिए से एस-400 सौदा काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इस सौदे से भारत और रुस के रिश्तों में फिर से गर्मजोशी आएगी। मौजूदा दौरे पर भी दोनों देशों के शीर्ष नेताओँ व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी के बीच गर्मजोशी देखने को मिल रही है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में लंच का आयोजन भी किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने रुसी राष्ट्रपति के बीच की दोस्ती यहां भी देखने को मिली। दरअसल भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस वीडियो में पीएम मोदी रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मोबाइल फोन पर एक वीडियो दिखाते नजर आ रहे हैं। दरअसल पीएम मोदी, पुतिन को महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन वैष्णव जन का वीडियो दिखा रहे थे। खास बात है कि ये भजन रुसी आर्टिस्ट सती काजानोवा द्वारा गाया गया था। यही वजह थी कि पीएम मोदी इस भजन के वीडियो द्वारा भारत और रुस के बीच के गहरे संबंध दर्शाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं पुतिन भी इस दौरान वीडियो को बड़े ही चाव से देखते नजर आए।
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PM @narendramodi showing the rendition of ‘Vaishnav Jan To’ bhajan by Russian artist @SatiKazanova to President Putin during the lunch hosted in honour of the Russian leader in New Delhi. pic.twitter.com/fjoLKRKbYt
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) October 5, 2018
बता दें कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रस्तावित एस-400 एअर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील पर शुक्रवार को मुहर लग गई। हालांकि दोनों देशों के बीच पैसे के लेन-देन पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। एस-400 का प्रॉडक्शन करने वाली कंपनी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रही है। भारत को यदि अमेरिका प्रतिबंधों में छूट भी देता है तो भी इस डील के 5.43 बिलियन डॉलर के लेन-देन में दोनों देशों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं अमेरिका द्वारा आर्थिक प्रतिबंधों की तलवार भी भारत पर लटक रही है। उल्लेखनीय है कि चीन ने साल 2014 में ही रुस के साथ एस-400 की डील की थी। जिसके बाद अमेरिका ने चीन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
