प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 2020 के अपने पहले ‘मन की बात’ में कहा कि पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। भारत से जो अपेक्षा की जाती है, भारत उसे पूरा करने में समर्थ है। पीएम मोदी ने कहा है कि दिन बदलते हैं, हफ्ते बदल जाते हैं, महीने भी बदलते हैं, साल बदल जाते हैं, लेकिन भारत के लोगों का उत्साह कायम है कि हम कुछ करके रहेंगे। ‘हम कुछ कर के रहेंगे’ का भाव, संकल्प बनता हुआ उभर रहा है।
कहा कि समाज के हर क्षेत्र में लोगों की भागीदारी बढ़ी है: उन्होंने कहा कि जब हर भारतवासी एक कदम चलता है तो हमारा भारतवर्ष 130 करोड़ कदम आगे बढ़ता है। कहा कि स्वच्छता के बाद जन भागीदारी की भावना एक और क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है और वह है जल संरक्षण। इसके लिए कई व्यापक और नवोन्मेषी प्रयास देश भर में चल रहे हैं। समाज के हर क्षेत्र के लोग ने इसमें भागीदारी कर रहे हैं।
बोले-21वीं सदी ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है: उन्होंने बताया कि पिछले दिनों जब त्योहारों की धूम थी, तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था। लगभग 25 वर्ष पुरानी ब्रू रियांग शरणार्थी समस्या के एक दर्दनाक अध्याय का अंत हुआ था। कहा यह बड़ा काम था। उन्होंने कहा कि हम इक्कीसवीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है। उन्होंने लोगों से पूछा, क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं करती है।
कहा कि देश हर अपेक्षा को पूरा करने में सक्षम: : बोले कि देशवासियों को यह जानकर बहुत प्रसन्नता होगी कि पूर्वोत्तर में अलगाववाद बहुत कम हुआ है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र से जुड़े हर एक मुद्दे को शांति के साथ, ईमानदारी से चर्चा करके सुलझाया जा रहा है। कहा कि विश्व भारत से जो अपेक्षा करता है, उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने में हम समर्थ हैं। भारत उसे प्राप्त करके रहेगा। पीएम मोदी ने लोगों का आह्वान किया कि इस विश्वास के साथ आइए- नए दशक की शुरुआत करते हैं और नए संकल्पों के साथ मां भारती के लिए जुट जाते हैं।