PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान में हुए 16वें ब्रिक्स समिट में शामिल होने के बाद अब भारत लौट आए हैं। उनका यह दौरा रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम रहा, क्योंकि ऐसा वक्त जब दुनिया के कई प्रमुख देश युद्ध की आग में झुलस रहे हैं, तो उस दौरान पीएम मोदी ने ब्रिक्स के जरिए दुनिया को शांति का संदेश दिया। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने बड़े हो रहे ब्रिक्स के फ्यूचर एजेंडे पर भी चर्चा की।
पीएम मोदी के इस दौरे एक तरफ जहां भारत-रूस के कूटनीतिक रिश्ते और मजबूत हुए। वहीं इस दौरे में ही दिलचस्प यह भी हुआ कि 5 साल बाद पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। पीएम के रूस दौरे की अहम बातें क्या रहीं, इन्हें समझना भी बेहद अहम है।
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पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात
पीएम मोदी के रूस दौरे में सबसे बड़ी हाईलाइट पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठक ही रही। 2020 में गलवान घाटी के बाद दोनों देशों में तल्खियां थी, लेकिन इस समिट के जरिए भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलनी शुरू हुई और दोनों बातचीत के लिए सहज हो गए।
पीएम मोदी और पुतिन के बीच दिखी दोस्ती की झलक
ब्रिक्स समिट ने भारत और रूस की दोस्ती को और मजबूत किया है। जुलाई में कजाकिस्तान में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पीएम मोदी नहीं गए थे। ऐसे में कजान पहुंचे पीएम मोदी और पुतिन रूसी भाषा में बोल रहे थे। दोनों नेताओं की बातों को रूसी और हिंदी में अनुवाद करने के लिए ट्रांसलेटर मौजूद थे, लेकिन पुतिन ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध इतने प्रगाढ़ हैं कि मुझे लगता है आप मेरी बातें बिना ट्रांसलेटर की मदद के भी समझ सकते हैं। पुतिन की इस टिप्पणी पर पीएम मोदी खिलखिला उठे थे।
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पीएम मोदी ने फिर दिया शांति का संदेश
पीएम मोदी ने भारत और चीन के बीच विवादों और मतभेदों को ठीक से सुलझाने पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी सूरत में शांति भंग नहीं होने देनी चाहिए। पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट के संबोधन में भी कहा कि यह ग्रुप युद्ध को नहीं बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करता है। उन्होंने अपील की कि इस मंच से आतंकवाद और आतंकी फंडिंग के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
ब्रिक्स के फ्यूचर पर हुई बात
भारत, ब्रिक्स को वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता का एक अहम मंच मानता है। ब्रिक्स के सदस्य देशों का आर्थिक और सामाजिक विकास ही ब्रिक्स का आधार माना जाता है। यह वैश्विक संगठन व्यापारिक संबंधों को आगामी सालों में और मजबूत करने पर जोर देगा। न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) को आमतौर पर ब्रिक्स बैंक के रूप में जाना जाता है। ब्रिक्स संगठन अगले कुछ सालों में ब्रिक्स बैंक को मजबूती देने पर काम करेगा। इसके लिए ब्रिक्स करेंसी को मंजूरी देने पर विचार-विमर्श हो रहा है।
क्या रहा BRICS का एजेंडा?
ब्रिक्स समिट के दूसरे दिन पीएम मोदी सहित सदस्य देशों ने कजान घोषणापत्र को भी मंजूरी दी। इस घोषणापत्र में ब्रिक्स ने इंटरनेशनल सिस्टम को और लचीला और जवाबदेह बनाने की बात कही है। यह भी कहा कि उभरते विकासशील देशों को इसमें जगह मिलनी चाहिए। इसके अलावा यह भी सहमित बनी कि सबसे कम विकसित देशों विशेष रूप से अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई मुल्कों को और भागीदारी दी चाहिए।
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रूस यूक्रेन युद्ध पर दोहराया भारत का रुख
पीएम मोदी ने ब्रिक्स समिट के दौरान एक बार फिर रूस यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया और कहा कि इस मुद्दे का सारा हल शांति और बातचीत की टेबल पर ही निकलना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि भारत सदैव मानवता को प्राथमिकता देने का प्रयास करता है और युक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।
ईरानी राष्ट्रपति से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स समिट के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान से भी मुलाकात की थी। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच पश्चिमी एशिया में शांति की जरूरतों और भारत की भूमिका पर चर्चा हुई। इजरायल-ईरान के बीच तनाव को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पेजेश्कियान को भारत दौरे का न्योता भी दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। दोनों नेताओं ने प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी बातचीत की।
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ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर फोकस
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स समिट के दौरान ग्लोबल साउथ की चिंताओं को लेकर मुखर होकर बात की। उन्होंने G-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कहा कि ब्रिक्स को ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ राष्ट्रों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को समझने की जरूरत है। 1960 के दशक ग्लोबल साउथ टर्म का पहली बार इस्तेमाल किया गया था।
UAE और भारत के रिश्तों की समीक्षा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने UAE-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की और उसका सकारात्मक मूल्यांकन किया। उन्होंने पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी बातचीत की। साथ ही शांति, सुरक्षा और स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए प्रयास जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
भारत और मिस्र की दोस्ती को लेकर हुई बातचीत
कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी से भी मुलाकात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने मिस्र के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने इस पार्टनरशिप को और बढ़ाने और भावी योजनाओं पर बात की।